रायपुर- छत्तीसगढ़ में अधिक आवाज वाले पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं. संवेदनशील क्षेत्रों के सौ मीटर की दूरी तक पटाखे नहीं फोडे़ जा सकेंगे. खुले में कचरा जलाने वालों पर भी सख्ती से कार्ऱवाई की जाएगी. दीवाली के पूर्व पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अध्यक्ष अमन सिंह ने आज विभाग के आला अधिकारियों की अहम बैठक ली. बैठक खत्म होने के बाद सभी जिलों के कमिश्नरों और कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर दिया गया. परिपत्र में दीपावरी को ध्यान में रखकर अधिक आवाज वाले पटाखों पर अंकुश लगाने और ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के भी निर्देश दिए गए हैं. बैठक में पर्यावरण विभाग के सचिव संजय शुक्ला, कलेक्टर ओ.पी. चौधरी, नगर निगम आयुक्त रजत बंसल, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के सचिव देवेन्द्र सिंह और अरूण प्रसाद उपस्थित थे.
परिपत्र में लिखा है कि दीपावली के अवसर पर बड़ी मात्रा में आतिशबाजियां की जाती है एवं पटाखे फोड़े जाते है, जिनसे हवा और ध्वनि प्रदूषण की गंभीर समस्या उत्पन्न होती है. इसे ध्यान में रखकर संबंधित सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि पटाखों से होने वाले प्रदूषण की समस्या के निराकरण के लिए सर्वोच्च न्यायालय केे निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन हो. अमन सिंह ने कमिश्नरों और कलेक्टरों से कहा है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पटाखे न फोड़े जाए. अतिसंवेदनशील क्षेत्रों जैसे अस्पताल, शिक्षण संस्थायें, अदालत, धार्मिक संस्थायें आदि के कम से कम 100 मी. दूरी तक पटाखें न फोड़े जाये. उन्होंने बैठक में चार मीटर की दूरी तक 125 डीबी (ए.आई.) या 145 डी.बी. (सी) से अधिक शोर करने वाले पटाखे की बिक्री और इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के भी निर्देश दिए. अमन सिंह ने परिपत्र के जरिए अधिकारियों से कहा है कि वे विद्यार्थियों को ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के बारे में जानकारी दें साथ ही पटाखों के दुष्प्रभावों के बारे में भी उनको बताया जाए और जनजागरण अभियान में स्कूली बच्चों को भी शामिल किया जाए. राज्य के समस्त संभागीय कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों से उन्होंने कहा है कि खेतों में फसल कटाई के बाद पौधों के सूखे रह गए अवशेषों को जलाने पर भी रोक होनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार के पर्यावरण विभाग और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने इसके लिए कृषि विभाग और अन्य संबंधित विभागों के सहयोग से किसानों के बीच व्यापक जन जागरण अभियान की जरूरत पर बल दिया।
प्रमुख सचिव अमन सिंह ने रायपुर शहर की वायु गुणवत्ता के संबंध में कलेक्टर को सघन अभियान चलाने और निर्माणाधीन भवनों में ग्रीन नेट अथवा अस्थायी विंड ब्रेकिंग वॉल लगवाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिन भवन निर्माताओं द्वारा निर्देशों का पालन नही किया जा रहा है, उनके विरूद्ध नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए. श्री सिंह ने रायपुर कलेक्टर को शहरी क्षेत्रों में ठोस कचरे को खुले में जलाने से रोकने के लिए भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि 03 माह के भीतर इस संबंध में विभाग को रिपोर्ट दी जाए. श्री सिंह ने ठण्ड के दिनों में सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने के लिए धुँआरहित सिगड़ी की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि लोग लकड़ी, बेकार टायर आदि न जलाएं। उन्होंने इसके लिए अधिकारियों को क्रेडा से समन्वय कर सिगड़ी की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने उद्योगों में भी पर्यावरण नियमों का गंभीरता से पालन करवाने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि अधिकारी यह देखें कि सभी उद्योगों में पर्यावरण मानकों का पालन हो रहा है या नहीं। जिन उद्योगों में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।