रायपुर। कोरोना संकट काल में सबसे बड़ा असर किसी पर पड़ा है तो वह होटल, रेस्टोरेंट के कारोबार पर है. होटलों के बंद होने से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लाखों परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, जिसे देखते हुए सरकार से होटल, रेस्टोरेंट को खोलने की इजाजत देने की मांग की गई है.

प्रदेश में एक तरफ जहां करीबन 1200 के आसपास होटल हैं, तो दूसरी ओर करीबन 6-7 हजार रेस्टोरेंट, बार और कैफे चल रहे हैं. इससे करीबन 8-9 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है. इनमें दूध वाले से लेकर, बेकरी वाले, पोल्ट्री वाले, फूड प्रोसेसिंग, डिस्पोजेबल, ट्रेवल-टूरिज्म, हॉस्पिटालिटी सहित अनेक छोटे-मध्यम दर्जे के उद्यम शामिल हैं. केंद्र सरकार ने अनलॉक 1.0 में होटलों को खोलने की इजाजत दे दी है, लेकिन राज्य सरकार ने इजाजत नहीं दी है.

छत्तीसगढ़ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष तरणजीत होरा बताते हैं कि लाखों लोगों के रोजगार पर पड़ रहे असर को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश के होटल, रेस्टोरेंट और कैफेटेरिया शुरू किए जाने की मांग की थी. इसके साथ लॉकडाउन में हुए नुकसान के लिए राहत पैकेज की मांग और बिजली बिल कमर्शियल की जगह घरेलू दर से लिए जाने, संपत्ति कर माफ किए जाने, जीएसटी और होटल बार के लाइसेंस फीस को माफ करने की गुजारिश की थी.

तरणजीत होरा ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ बातचीत सकारात्मक रही थी. इस विषय को कैबिनेट में रखा भी जा चुका है, उम्मीद की जा रही है कि जल्द इस विषय पर सकारात्मक फैसला आ जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह की परिस्थिति है, उसमें होटल, रेस्टोरेंट, बार संचालक सरकार की एडवायजरी का पालन करने के लिए कटिबद्ध है.