रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने आपातकाल की बरसी को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला दिन बताते हुए कहा है कि जिन लोगों ने अपने सत्ता-स्वार्थ की पूर्ति के लिए भारतीय लोकतंत्र का गला घोटने का काम किया, वही लोग अब लोकतंत्र की दुहाई देने में ज़रा भी शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं। साय ने कहा कि देश पर आपातकाल थोपकर तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने लाखों निरपराध लोगों को ज़ेलों में ठूसकर अमानवीय अत्याचार की पराकाष्ठा की थी। देश के लाखों परिवार आज भी आपातकाल के उन दंशों की यातना सह रहे हैं।

लोकतंत्र की रक्षार्थ अपना सर्वस्व दाँव पर लगा देने वाले हुतात्मा कार्यकर्ताओं की पुण्य-स्मृतियों को नमन करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साय ने कहा आपातकाल में जिस तरह संसदीय लोकतंत्र का हमारा गौरव मर्माहत हुआ, मूलभूत नागरिक अधिकारों का हनन हुआ, प्रेस की स्वतंत्रता पर सेंसरशिप का पहरा बैठाया गया, वह एक क्रूर सत्य बनकर हमारी संवेदनाओं को आज भी झकझोरता है। लेकिन छत्तीसगढ़ में सत्ता में आते ही कांग्रेस की सरकार ने जिस तरह राजनीतिक प्रतिशोध की भावना का परिचय दिया और आपातकाल के दौर में लोकतंत्र के सेनानी रहे लोगों की सम्मान निधि को बंद करने का फैसला लिया गया उससे यह साफ प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस के नेता आज भी आपातकाल की दुर्दांत मानसिकता से उबरे नहीं हैं। कोर्ट ने एक साल की सम्मान निधि देने का आदेश भी दिया लेकिन कांग्रेस की सरकार की न्यायपालिका पर भी कितनी आस्था है, यह इसी से साफ हो जाता है कि अब तक इस आदेश पर भी सरकार ने अमल नहीं किया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि भाजपा आपातकाल की बरसी को काला दिवस के रूप में याद कर संसदीय लोकतंत्र की पवित्रता और प्रामाणिकता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध थी, है और रहेगी। कांग्रेस को तो अब लोकतंत्र की दुहाई देने का भी कोई नैतिक अधिकार नहीं रह गया है क्योंकि आपातकाल के रूप में उसने लोकतंत्र को लहूलुहान कर दिया था। आज जो लोकतंत्र है, वह तो आपातकाल की यंत्रणा भोगकर लोकतंत्र की रक्षा में अपना सर्वस्व दाँव पर लगा चुके लोगों की तपस्या का सुफल है। साय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक बालासाहब देवरस, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, पूर्व प्रधानमंत्री द्वय स्व. मोरारजी भाई देसाई व स्व. अटलबिहारी वाजपेयी आदि के विचारों व संघर्षपूर्ण जीवन से प्रेणा लेकर हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।