रायगढ़। केंद्र सरकार की महती योजना ‘स्वच्छ भारत मिशन’ पर अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत भारी पड़ रही है. गांव को 100 % ओडीएफ घोषित करवा कर भोले-भाले ग्रामीण का पैसा हजम कर योजना का बंटाधार कर रहे हैं.

ऐसा ही एक वाकया रायगढ़ जिले के जनपद पंचायत पुसौर के ग्राम पंचायत पचेड़ा के आश्रित ग्राम अमलडीहा में देखने को मिला है. वैसे तो यह ग्राम पंचायत ओडीएफ घोषित हो चुका है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. वहां आज भी ऐसे कई आदिवासी परिवार और अन्य समाज के लोग हैं, जिनका शौचालय निर्माण 2 वर्षों से आधा अधूरा पड़ा है. भगौउराम चौहान, नंदकिशोर सिदार, पुनी राम मांझी ऐसे ही कई अन्य परिवार हैं, जिनका शौचालय निर्माण आधा-अधूरा है.

ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 1 वर्ष पूर्व इस घोटाले की जांच करने दो अधिकारी आए थे, जिसके बाद प्रोग्रामर अधिकारी विनोद वस्त्राकार और तकनीकी सहायक सुरेश कुमार नेताम को टर्मिनेट कर दिया गया था. लेकिन सचिव शैलेंद्र गोयल पर कार्रवाई नहीं करना शंका को जन्म देता है.