रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की माँ स्व. बिंदेश्वरी बघेल की आज पहली बरसी है. हिंदू पंचाग तिथि के अनुसार आज ही के दिन आषाढ़ महीना के शुक्ल पक्ष की पंचमी में बिंदेश्वरी देवी का अवसान हुआ था. हालांकि अँग्रेजी तारीख के मुताबिक 7 जुलाई पहली पुण्यतिथि होगी.
मुड़ रख के सो जातेव दाई, मिल जातिस फेर तोर कोरा
तोर बिन सब सुन्ना-सुन्ना लागथे, रहिथे तोरे अगोरा
माँ के बिना किसी की ज़िंदगी क्या होती है इसे वही समझ सकता जिनके बीच अब उनकी माता नहीं हैं. जीवन में सबकुछ हो और माँ न हो, तो ये कमी ताउम्र खलती रहती है. माँ के बिना तो जग अँधियारी जैसे है, सब सुना-सुना है.
सुरता तो बड़ आथे दाई, मया-दुलार-गारी
संग जिहाँ तोरे बीते, घर-अँगना वो दुवारी
माँ को याद करते हुए इंसान कितना मजबूत क्यों न हो भावुक होकर टूट ही जाता है. आँख से आँसू छलक ही पड़ते हैं. आज छत्तीसगढ़ के मुखिया के जीवन में भी यही कमी है. वे भी अपनी माँ को याद करते हुए बेहद भावुक हो जाते हैं. शब्द मौन पड़ जाते हैं, भाव शून्य हो जाता है, भीग जाती हैं आँखें और छलक पड़ते हैं आँसू.
तोर दिखाये रद्दा म माँ चले के बड़ सुख हे
फेर तय नइ हस संग, इही बात के दुख हे
गाँव-गरीब-किसान की तरक्की को पहली प्राथमिकता में लेकर चलने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उसी रास्ते पर नवा छत्तीसगढ़ को गढ़ने चल पड़े है, जो रास्ते उनकी माँ ने उन्हें दिखाए थे. अनगिनत चुनौतियों से जुझते हुए, संघर्षों के बीच तपते हुए, खूब आलोचना कुछ तारीफ़ों के बीच से निकलते हुए मुख्यमंत्री आगे बढ़ रहे हैं.
आज जब स्व. बिंदेश्वरी बघेल के इस पहली बरसी के मौके पर जब मुख्यमंत्री अपनी माँ को याद कर रहे होंगे तो स्वभाविक है उनके अंतस में विकास की वही बातें होंगी, जिसे पूरा करने की बातें अपनी माँ से मुख्यमंत्री करते रहे होंगे.
कुछ महीने पूर्व लल्लूराम डॉट कॉम पर संदीप अखिल से विशेष बातचीत में माँ को याद करते हुए किस तरह से भूपेश बघेल भावुक हो उठे थे- देखिए वो वीडियो