सत्यपाल सिंह राजपूत रायपुर। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा में एक बार फिर मरीज के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है. अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों की असंवेदनशीलता एक बार फिर देखने को मिली है. अंबेडकर अस्पातल में राज्य की विशेष पिछड़ी जनजाति की महिला चार दिनों तक इलाज के लिए भटकती रहीं. अस्पताल स्टॉफ ने महिला को भर्ती करना छोड़ उसे बलपूर्वक भगा दिया. उस जनजातीय महिला को जो स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की क्षेत्र से आती हैं. मेकाहारा की यह व्यवस्था बताती है कि अस्पताल के कर्मचारियों में ना तो असहाय गरीब मरीजों के प्रति दया भाव और ना ही यह डर की पीड़ित महिला विभागीय मंत्री के इलाके से है.
जानकारी के मुताबिक बलरामपुर जिले के ग्राम डूगरू की रहने वाली मानमती पण्डो अपने पति रामधनी पण्डो के साथ 22 जून को रायपुर पहुँची थी. उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज से मेकहारा रिफर किया गया था. मानमती पण्डो को लंबे समय से पीवी ब्लिडिंग (अनियमित मासिक रक्त स्राव) का सिकायत है.अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज डॉक्टर के अनुसार के डॉक्टरों ने बचेदानी का कैंसर होना बताया गया है. मेकाहारा पहुँचने के बाद अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज से मिले पर्ची को वह कर्मचारियों को दिखाती और मदद मांगती रही. लेकिन उसे मदद नहीं मिली, बल्कि अंबेडकर अस्पताल के स्टॉफ ने मानपती और उसके पति को वहाँ से बलपूर्वक भगा दिया.
मानमती के पति ने इसकी जानकारी अंबिकापुुर में अपने पर्चित लोगों को फोन पर दी. जिसके यह जानकारी सोशल मीडिया से होते हुए मुख्यधारा की मीडिया तक आई. या यह भी कह सकते हैं कि लल्लूराम डॉट कॉम तक आई. हमने इस मामले की पूरी जानकारी अंबेडकर अस्पताल में जाकर ली.
लल्लूराम डॉट कॉम के हस्ताक्षेप के बाद जागा मेकाहारा प्रबंधन
हमारे द्वारा जिस मामले की जानकारी मेकहारा के अधीक्षक तक पहुँचाई गई, तो प्रबंधन हरकत में आया. पीड़ित मानपति को फिर अस्पताल में भर्ती किया गया. उसे खाना भी दिया गया. मेकाहारा में जनसंपर्क अधिकारी शुभ्रा सिंह ठाकुुर ने कहा कि अधीक्षक के निर्देश के बाद मानमती को पंडरी स्थित जिला चिकित्सालय के महिला वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. मरीज का उपचार वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. तृप्ति नागरिया कर रही हैं. आज मरीज की बायोप्सी जांच, खून जांच, रीनल फंक्शन टेस्ट और लिवर फंक्शन टेस्ट किया गया है. मरीज की कल एम. आर. आई. होगी. डॉक्टरों के मुताबिक मरीज को गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) कैंसर की संभावना बताई जा रही है, लेकिन बायोप्सी रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही यह बता पाना संभव होगा कि मरीज को कैंसर है या नहीं और यदि है तो किस प्रकार का कैंसर है ? मरीज के भर्ती कराकर उपचार करने एवं भोजन की व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन द्वारा कर दी गई है. फिलहाल मरीज चिकित्सकों की देख-रेख में है और उपचार जारी है…।