कोरबा- कोरोनावायरस (कोविड-19) संक्रमितों की संख्या बीते कुछ दिनों में बढ़ी है। लेकिन यह भी सच है ,ठीक होने वाले मरीजों का ग्राफ भी काफी अच्छा है। छत्तीसगढ़ राज्य में ही (26 जून तक) एक्टिव केस 647 है, जबकि 156 लोग स्वस्थ्य होने के बाद डिस्चार्ज हुए। कोविड-19 को मात देकर शुक्रवार को डिस्चार्ज होने वालों में कोरबा जिले के 4 मरीज भी शामिल हैं, जिन्होंने डॉक्टरों और कोविड-19 महामारी में योगदान दे रहे कर्मवीरों का धन्यवाद दिया है। घर लौटते हुए सभी मरीज काफी खुश दिखे क्योंकि वह कोविड-19 पॉजिटिव हैं , इसका अहसास उन्हें उपचार के दौरान कभी नहीं हुआ।

कोरोनावायरस संक्रमण से स्वस्थ्य होने वाले मरीजों का कहना है “कोविड पॉजिटिव होने की जानकारी उन्हें मौत से सामना करवाने जैसी प्रतीत हो रही थी। परंतु स्वास्थ्य विभाग के कर्मठ और सक्रिय डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ (जो कोविड-19 में विशेष ड्यूटी कर रहा है) के सकारात्मक व्यवहार, हौसले और देखभाल की वजह से हमें नई जिंदगी मिली है।“ फिलहाल ठीक हुए मरीजों को 14 दिन अपने-अपने घरों में ही होम कोरेंटाइन रहना होगा। परंतु उनका कहना है जैसे ही होम कोरेंटाइन अवधि समाप्त होगी वह उनकी देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों का स्वागत और सत्कार करेंगे। साथ ही समुदाय को कोरोनावायरस से डरने की बजाए, जागरूक होकर मुकाबला करने के प्रति जागरूक भी करेंगे।

भेद-भाव किए बिना स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने मुझे दी नई जिंदगी – 16 जून 2020 को मुंबई से कोरबा पहुंचे 26 वर्षीय राजेश ( परिवर्तित नाम) पेड कोरेंटाइन सेंटर में थे, इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि वे कोविड-19 पॉजिटिव हैं। राजेश बताते हैं बिना कोरोना के लक्षण के पॉजिटिव होने की जानकारी मिलते ही, उन्हें चिंता सताने लगी। उनकी भूख-प्यास भी मर गईI हर वक्त बस बच पाएंगे की नहीं, इसकी ही चिंता लगी रहती थी। राजेश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों की देखभाल, अपनापन और हौसले की वजह से वह 10 दिन में ही ठीक होकर घर लौटे हैं। राजेश कहते हैं कोविड-19 पॉजिटिव होने की जानकारी होने पर भी कोरबा के कोविड अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टरों ने कभी भेदभाव नहीं किया और अपनी जान की परवाह किए बगैर उनकी देखभाल की। वह कहते हैं होम कोरेंटाइन के बाद सबसे पहले अस्पताल के कर्मचारियों का आभार करेंगे और समुदाय के अन्य लोगों को भी कोविड बीमारी के प्रति जागरूक करेंगे।

कोविड से डरने की नहीं ,सावधानी रखने की जरूरत है- कोरबा के एक कोरेंटाइन सेंटर में प्रवासी श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच करने वाले रमेश ( परिवर्तित नाम) खुद संक्रमित हो गए। रमेश बताते हैं उनकी ड्यूटी 1 जून से कोरेंटाइन सेंटर में लगी थी, वहीं प्रवासी श्रमिकों को रखा गया था। उनकी जांच हुई और 5 जून को श्रमिकों में से 36 श्रमिकों के पॉजिटिव होने की जानकारी मिली। इसके बाद वहां सेंटर में तैनात सभी लोगों की जांच हुई जिसमें उन्हें पता चला की वह खुद कोविड संक्रमण का शिकार हुए हैं। उन्हें रायपुर रेफर किया गया और शुक्रवार को वह पूरी तरह स्वस्थ्य होकर घर रवाना हुए। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा इसलिए कोविड-19 से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि बिना घबराए सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है।

संगीत और न्यूज से काट रहे थे समय – कोविड को मात देने वाले मरीजों ने बताया अस्पताल में इलाज के दौरान उनका समय काटे नहीं कटता था। ऐसे में फोन पर गाना और न्यूज सुनकर तथा कुछ टीवी सीरियल देखकर समय काटते थे।

जिले में कोविड-19 की स्थिति- स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक 25 जून तक जिले में कुल 309 पॉजिटिव केस मिले, जिनमें एक्टिव केस की संख्या 82 है। वहीं 12,972 सैंपल लिए,12,316 निगेटिव, 209 रिपोर्ट का इंतजार, 227 स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हुए हैं।