रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अथक प्रयास से बस्तर संभाग के इंद्रावती नदी पर शुरू होने वाली बोधघाट परियोजना विकास की एक नई गाथा गढ़ने वाली है। इस परियोजना के शुरू होने से न केवल सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा बल्कि इससे विद्युत उत्पादन भी किया जा सकेगा। बोधघाट परियोजना लगभग 22 हजार 653 करोड़ की लागत से दन्तेवाड़ा जिले के गीदम विकासखण्ड के पर्यटन स्थल बारसुर के समीप निर्माण किया जाएगा। इस बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण से इन्द्रावती नदी के जल का सदुपयोग कर बस्तर को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए किया जाएगा।

इन्द्रावती नदी पर बनने वाले इस परियोजना के निर्माण से क्षेत्र में वर्षा ऋतु के दौरान नदी के अतिरिक्त जल का संचयन कर शुष्क क्षेत्र में सिंचाई का रकबा बढ़ाया जाएगा। इस परियोजना के निर्माण से क्षेत्र में सिंचाई क्षमता लगभग 3 लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार होगा। इससे दन्तेवाड़ा जिले के 51 गांव, 218 बीजापुर और सुकमा के 90 गांव के कुल 359 गांव लाभान्वित होंगे।

उल्लेखनीय है कि संभाग के कई क्षेत्रों में भू-जल स्तर कम हो रहा है। इस परियोजना के निर्माण से भू-जल स्तर को भी बढ़ावा मिल सकता है। जिससे लोगों को पेयजल की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। नहरांे के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों की कृषि आवश्यकताओं के अनुसार जल बहाव को नियमित किया जा सकता है। सिंचाई की उपलब्धता से प्रदेश की मुख्य फसल धान के अतिरिक्त अन्य खाद्यान्न उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।

परियोजना के निर्माण से 300 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन करने की योजना है। जल विद्युत क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। परियोजना के निर्माण से नौकायन, तैराकी, मत्स्य पालन इत्यादि को बढ़ावा मिलेगा। परियोजना के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बस्तर संभाग के सांसद, विधायक और सभी जनप्रतिनिधियों की बैठक लेकर पुनः स्थापन और पुनर्वास, पर्यावरण और वन, सामाजिक-आर्थिक मुद्दे, सुरक्षा पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार किया गया है। इस परियोजना के निर्माण से 42 गाँव के विस्थापित होने वाले परिवारों की 12,888 जनसंख्या और 13783.147 हेक्टेयर जमीन डूबान क्षेत्र में आ रहे है। प्रभावितों के लिए पुनर्वास एवं व्यवस्थापन की बेहतर व्यवस्था की जाएगी।