जगदलपुर- बस्तर के बीहड़ों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ों की दर्जनों कहानियां सुन रखी थी. गोलियों और धमाकों की गूंज के बीच खून खराबा का खूब शोर भी सुना था. जवानों की बहादुरी और नक्सलियों के कायराना करतूतों की भी थोड़ी बहुत खबर थी. बस्तर से मीलों दूर विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के युवा बस्तर को इस नजर से ही देखा करते थे, लेकिन आज जब वो तमाम युवाओं के पैर बस्तर की जमीन पर पड़े, तो हकीकत से रूबरू होने का मौका मिला.

दरअसल केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के युवाओं को देश की समृद्ध संस्कृति, कला और विकास की दिशा में छलांग लगाने देश की तस्वीर दिखाने का कार्यक्रम नो इंडिया प्रोग्रॅाम (केआईपी) शुरू किया है. इस कार्यक्रम के तहत ही इजराइल, दक्षिण अफ्रिका, फिजी, वेस्टइंडीज, श्रीलंका, आस्ट्रेलिया और मलेशिया के 40 से ज्यादा युवा छत्तीसगढ़ पहुंचे. छत्तीसगढ़ आने के बाद युवाओं की टीम तीन दिवसीय दौरे पर बस्तर पहुंची.

यूथ टीम ने बस्तर की प्राकृतिक सौंदर्यता, आदिवासी संस्कृति से लेकर बस्तर के विकास की तस्वीर को करीब से देखा. साथ ही बस्तर में तैनात सुरक्षाबलों के काम करने के तरीकों को नजदीक से जानने हेतु पुलिस कोआर्डिनेशन कैम्पस में वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. दक्षिण बस्तर रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक सुंदररात पी द्वारा बस्तर में स्थानीय पुलिस बल औऱ केंद्रीय अर्धसैनिक बल द्वारा नक्सल मोर्चे पर की जा रही लड़ाई, विकास कार्यों में किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी. बस्तर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जगदलपुर रितेश अग्रवाल से जानकारी हासिल की.  इस अवसर पर विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी सुशील प्रसाद, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले एवं पुलिस बल व छ.ग. पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे.  भ्रमण में आये हुए दल के सदस्यों द्वारा आगामी 02 दिनों में बस्तर क्षेत्र की विभिन्न पर्यटन स्थल, शिक्षा केन्द्र हाटबाजार एवं अन्य जगहों का भ्रमण करके अनुभव प्राप्त करेंगे.