रायपुर- छत्तीसगढ़ में अंतरराज्यीय सीमाओं पर चेक पोस्ट खोले जाने के राज्य सरकार के ताजा फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिन मुद्दों पर राजनीति करती थी, आज उनके फैसले में यह सब कुछ रोल बैक होता नजर आ रहा है. विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने चेक पोस्ट का विरोध किया था, आज सरकार में रहते हुए खुद इसे खोल रही है. सरकार की इस मंशा को बच्चा-बच्चा समझ रहा है.

पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि पिछली सरकार में बेरियर को हटाने का मकसद यह था कि इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगते थे, भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जाता था, इसे लूट खसोट का तंत्र कहा जाता था. इन सबके साथ परिवहन की रफ्तार कम होती थी, कई-कई किलोमीटर तक जाम लगता था. इसलिए हमने इसे बंद करने का फैसला लिया था. लेकिन कांग्रेस उन सारे काम को उलट रही है. रमन सिंह ने कहा कि संसदीय सचिव के मामले में भी कांग्रेस ने सड़क से लेकर कोर्ट तक की लड़ाई लड़ी, लेकिन आज जब सत्ता में बैठी है, तो उन्हें यह अच्छा लग रहा है. संसदीय सचिव का मामला हाईकोर्ट में है. क्या फैसला आ गया, जो नियुक्ति किये जाने की तैयारी की जा रही है.

आर्थिक स्थिति को लेकर श्वेत पत्र जारी करे सरकार

राज्य का खजाना खाली होने के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. एक तरफ सरकार कहती है कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है, आर्थिक मोर्चे पर देश के दूसरे राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर है, लेकिन जब भर्ती की पारी आती है, मजदूरों को पैसा देने की पारी आती है, वेतनवृद्धि की पारी आती है, तब इन्हें राज्य की गरीबी दिखती है. उन्होंने कहा कि  निगम, मंडल, आयोगों के साथ संसदीय सचिवों की नियुक्ति को आखिर क्यों नहीं टाला जा सकता? इन नियुक्तियों के बाद सरकार पर सैकड़ों करोड़ रुपये क्या खर्च नहीं होंगे?