रायपुर. वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने रमन सिंह को और मेहनत करने की नसीहत दी है. अकबर ने कहा है कि ट्वीटर से जनता को ट्वीस्ट नहीं किया जा सकता. उन्हें और मेहनत करनी होगी. ज़मीन पर उतरना होगा.
अकबर ने कहा कि डेढ़ साल की सरकार से सभी वादों को पूरा करने की अपेक्षा की जा रही है. डेढ़ साल में सारे वादे पूरे करना संभव नहीं. जबकि खुद रमन सिंह ने अपने कार्यकाल में तमाम बड़े वादे पूरे नहीं किए. मोहम्मद अकबर ने अपने हर कार्यकाल के वादे जनता के सामने रख दिए, जिन्हें रमन सिंह ने कभी पूरा नहीं किया.
‘2003 के बड़े वादे, जो कभी पूरे नहीं हुए’
उन्होंने कहा कि 2003 में 4 बड़े वादे के साथ भाजपा सत्ता में आई थी. जिसमें हर आदिवासी परिवार को गाय देने का वादा, सभी बेरोजगारों को बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा, किसानों को 5 हार्स पावर तक पंप के लिए फ्री बिजली और आदिवासियों को सरकारी नौकरी देने का वादा था.
‘रमन के 2008 के अधूरे वादे’
अकबर ने कहा कि रमन सिंह जब 2008 में सत्ता में दोबारा आए तब उन्होंने किसानों को 270 रुपया बोनस देने का वादा किया. फिर से 5 हॉर्स पावर बिजली फ्री देने का वादा किया. सभी रिक्त पदों पर नियमित भर्ती का वादा किया. स्थानीय कलाकारों को प्रदर्शन के लिए मंच देने का वादा किया. लेकिन ये वादे कभी पूरे नहीं हुए. बल्कि करीना कपूर को डेढ़ करोड़ देकर 15 मिनट के कार्यक्रम के लिए बुलवाया. उन्होंने
‘2013 के वादे, जो पूरे नहीं हुए’
उन्होंने कहा कि हद तो 2013 में कर दी. जब घोषणापत्र में ही गड़बड़ी करते हुए 2400 रुपये देने की पहल करने की बात लिख दी. लेकिन पहल के नाम पर केवल प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी गई. इसी तरह 2013 में मेट्रो और मोनो रेल का वादा किया था जिसका कोई अता-पता नहीं है. उन्होंने छत्तीसगढ़ को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग की थी लेकिन कभी इसके लिए केंद्र को चिट्ठी तक नहीं लिखी. अकबर ने रमन सिंह से पूछा कि क्या वो सबको लैप्टॉप और टैब दे पाए. रमन सिंह ने मनरेगा में 150 दिन काम करने का वादा किया था लेकिन मजदूरों को 38 दिन ही दे पाए.
रमन सिंह के विकास मॉडल पर हमला बोलते हुए अकबर ने कहा कि रमन सिंह एक दिन हेलमेट लगाकर गाड़ी में घुमते थे और कह देते थे कि प्रदेश में सब हेलमेट लगाने लगे हैं. उन्होंने पूछा कि अगर रमन सिंह ने विकास किया तो प्रदेश में 47 फीसदी गरीबी क्यों थी.
अकबर ने आकंड़ों के साथ अपनी सरकार द्वारा किए गए वादों को पेश किया. उन्होंने कहा कि उनके 36 बड़े वायदों में से 22 वायदे पूरे हो चुके हैं.अकबर ने कहा कि सिंचाई में 244.44 करोड़ रुपये माफ हुआ. कर्जमाफी 8555 करोड़ रुपये की हुई. दो साल में 160.8 लाख मीट्रिक टन धान 2500 रुपये की दर से खरीदी गई. उन्होंने रमन सिंह के किसानों के धान न खरीदने के बयान पर भी उन्हें आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि रमन सिंह, अभिषेक सिंह और संतोष पांडेय का भी धान सरकार खरीद चुकी है.
अकबर ने कहा कि इस साल लघु वनोपज की खरीदी का कुछ खरीदी का 73% से ज़्यादा हिस्सा छत्तीसगढ़ का है. मनरेगा में देश भर में अव्वल है. 50 लाख मास्क उपलब्ध कराय गए हैं. तेंदुपत्ता का 649 करोड़ का भुगतान होगा. उन्होंने कहा कि जहां जनता की तकलीफ की जानकारी मिलती है. उनकी सरकार त्वरित कार्रवाई करती है.
‘हमारी प्राथमिकता कोल ब्लॉक नहीं’
अकबर ने कोल ब्लॉक पर भी रमन सिंह सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि लेमरु में कोयला होने की वजह से 7 साल तक इसकी फाईल दबा के रखी हुई थी. नई सरकार आने के बाद इसका परीक्षण कराकर 1995 किलोमीटर क्षेत्र में इसके निर्माण की मंज़ूरी दी गई. अकबर ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता आम जनजीवन और जंगल है. कोल ब्लॉक हमारी प्राथमिकता नहीं है। अभी केंद्र सरकार ने लेमरु के 4 कोल ब्लॉकों की नीलामी के लिए लिखा. उन्होंने चिट्ठी लिखकर इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि परीक्षण होने के बाद लेमरु का नोटिफिकेशन होगा.
संसदीय सचिव मामले में अकबर ने कहा कि संसदीय सचिवों को लेकर याचिका उन्होंने लगाई थी लेकिन हाईकोर्ट ने मेरी बात नहीं मानी. अब सवाल उठता है कि मेरी बात मानी जाएगी या हाईकोर्ट की बात मानी जाएगी ? इसलिए हाईकोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हुए संसदीय सचिवों की नियुक्ति की जा रही है.
‘भ्रष्टाचार को खत्म करना था बैरियर को नहीं, राज्य को 336 करोड़ का नुकसान हुआ, इसकी भरपाई कौन करेगा’
बैरियर के मुद्दे पर अकबर ने रमन सिंह को घेरा. उन्होंने कहा कि ये बात 13 साल बाद पता चली कि बैरियर लूट खसोट का अड्डे हैं. उन्होंने कहा कि जब बैरियर में भ्रष्टाचार की बात पता चली तो भष्टाचार रोकना था. बैरियर बंद करने से राज्य को करीब 336 करोड़ का नुकसान हुआ. इसकी भरपाई कौन करेगा.