दिल्ली। खाड़ी के देश कुवैत से लगभग 8 लाख भारतीयों को निकाला जा सकता है, जहां भारतीयों की संख्या की लगभग 50 फीसदी है। ये भारत के लिए एक और बुरी खबर है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, कुवैत एक नए बिल के जरिए अपने देश में भारतीय नागरिकों की संख्या सीमित करना चाहता है। कुवैत किसी भी सूरत मे अपने देश में भारतीयों की संख्या 15 फीसदी से अधिक नहीं रखना चाहता है। इसको लेकर कुवैत ने कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। देश की नेशनल असेम्बली की एक कमेटी ने नागरिकों का कोटा तय करने वाले बिल के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है, जिसका मकसद बड़ी संख्या में देश में रह रही दूसरे देशों की जनसंख्या को देश से बाहर निकालना है।
खास बात ये है कि कुवैत में सबसे अधिक संख्या में भारतीय नागरिक रहते हैं। इस बिल से सबसे ज्यादा असर भारतीयोंं पर ही पड़ेगा। बिल में कहा गया है कि 15 प्रतिशत से अधिक भारतीय प्रवासी आबादी का हिस्सा नहीं हो सकते हैं। यह फैैैसला जून में प्रधानमंत्री शेख सबा अल खालिद अल सबाह के बयान के मुताबिक है जिसमें प्रवासी आबादी को 70 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार कोरोना वायरस महामारी के बाद देश में प्रवासियों के खिलाफ तेजी से मुखर हो गई है।