रायपुर/उज्जैन। उज्जैन स्थित सीजीएम कोर्ट में सुनवाई के बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे को यूपी पुलिस के हवाले कर दिया है. प्रकिया पूरी होते ही एसटीएफ की टीम सड़क के रास्ते विकास को लेकर कानपुर ला रही है. विकास दुबे ने प्रारंभिक पूछताछ में अपने गुनाहों को कबूल लिया है.
विकास ने बताया कि वह कानपुर से फरीदाबाद और फिर यूपी, राजस्थान होते हुए मध्यप्रदेश के उज्जैन पहुँचा था. उन्होंने एक बोलेरो गाड़ी ली थी. उसके साथ उसके दो और साथी थे. उज्जैन तक पहुँचने में उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई. गाड़ी में हाईकोर्ट लिखा हुआ था.
विकास ने यह भी बताया कि उन्होंने एनकाउंटर में मारे जाने से बचने के लिए गाँव पहुँची पुलिस टीम पर हमला किया था. क्योंकि डर था कि पुलिसवालें उसे पकड़ने की बजाय मुठभेड़ में मार सकते थे. लिहाजा उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर हमला बोलने की पूर्व से तैयारी कर ली थी.
उसने यह भी बताया है कि पुलिसवालों के शवों को वह जलाना चाहता था. क्योंकि वह किसी तरह से कोई सबूत नहीं रखना चाहता था. शवों को जलाने के लिए पर्याप्त तेल की व्यवस्था कर ली गई थी.
विकास दुबे ने यह भी बताया है कि उसके मदद करने वालों में चौबेपुर थाना के पुलिसवालों के साथ देहात क्षेत्र के कई थानों के पुलिस मदद करते रहे हैं. उनके पुलिस विभाग में कई मददगार हैं. उसने यह भी कहा कि उसकी ओर से कोरोना संकटकाल में पुलिसवालों का भरपूर ख्याल रखा गया था.
फिलहाल विकास दुबे से एसटीएफ की टीम लगातार पूछताछ कर रही है. एसटीएफ की टीम विकास दुबे को घटना स्थल ले जा सकती है. फिलहाल वह कड़ी सुरक्षा में है. पुलिस उसे कानपुर कोर्ट में पेश कर रिमांड लेना चाहेगी.
बता दें कि कानपुर देहात के बिकरू गाँव में 8 पुलिसकर्मियों की जान लेने वाला विकास दुबे आज उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर से पकड़ा गया था. उसे मंदिर परिसर के सुरक्षाकर्मियों ने सबसे पहले देखा, फिर महाकाल थाना क्षेत्र की पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया था. हालांकि विकास की गिरफ्तारी को लेकर खूब सवाल भी उठ रहे हैं. क्योंकि विकास जिस सहजता के साथ पकड़ा गया है, उस पर एकदम से यकीन भी बहुतों को नहीं हो रहा है.