विप्लव गुप्ता, पेण्ड्रा। मनरेगा कार्य के नाम पर शासन की योजनाओं को जमकर पलीता लगाया जा रहा है. बिना उपयोगिता के निर्माण कार्यों को स्वीकृति देकर शासन के पैसों को दुरुपयोग किया जा रहा है. वहीं जब ग्रामीणों ने इसकी उपयोगिता पर सवाल उठाए तो विभाग इस कार्य पर तत्काल रोक लगाने की बात कह रहा है.
मामला पेण्ड्रा जनपद के ग्राम पंचायत जाटादेवरी का है, जहां ग्राम पंचायत ने ठेकेदार को फायदा पहुंचाने की नीयत से एक ऐसी पुलिया के प्रस्ताव पास कर दिया, जहां आम लोगों का आना-जाना ही नहीं है, और ना ही वहां कोई सड़क है. यह बात जब ग्रामीणों को पता चली तो मीडिया के माध्यम से उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया.
ग्रामीणों ने बताया कि जिस जगह पर पुलिया का निर्माण कार्य जारी है, वहां कोई सड़क ही नहीं है, ग्राम के किसी भी मोहल्ले को जोड़ना तो दूर वहां से मवेशी आवागमन नही करते. ग्रामीणों का आरोप है कि उस पुलिया को सिर्फ ग्रामीणों की आंखों से दूर इसलिए बनाया जा रहा है कि गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य कर पैसों का बंदरबाट किया जा सके.
मनरेगा के तहत स्वीकृत पुलिया के निर्माण के लिए शासन ने 15 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है. लेकिन निर्माण कार्य के स्थल चयन में कई जा रही लापरवाही विभाग, ठेकेदार और पंचायत तीनों की मिलीभगत को सामने आ रही है.
मामले में जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने पूरी गलतियों का ठीकरा अपने अधीनस्थ तकनीकी विभाग के मत्थे फोड़ दिया और खुद को पूरे मामले से अलग बताने लगे. लगे हाथ यह बताने से नहीं चूके कि उक्त कार्य को रोका जा चुका है, और निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है.