रोहित कश्यप, मुंगेली। छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार हरेली 20 जुलाई को मनाया जाएगा. इस अवसर पर राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना की शुरुआत होगी. इस योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा, ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के लिए अवसर, गौपालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन के साथ-साथ पशुपालकों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा.

योजना के संबंध में कलेक्टर पीएस एल्मा ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और सभी नगरीय निकाय के सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दिशा-निर्देश जारी किया है. उन्होंने बताया कि सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा, गरूवा, घुरूवा व बाडी का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत संपूर्ण जिले मे गौठान स्थापित किया जा रहा हैं. वहीं गौठान की गतिविधियों में विस्तारण करते हुये गौठान मे गोबर क्रय करते हुए संग्रहित गोबर से वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करने के लिए गोधन न्याय योजना का शुभारंभ हरेली त्योहार से किया जाएगा.

कलेक्टर एल्मा ने योजना के माध्यम से पशुपालकों की आय में वृद्धि, पशुधन विचरण एवं खुली चराई पर रोक, जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा एवं रासायनिक उर्वरक उपयोग में कमी, खरीफ एवं रबी फसल सुरक्षा और द्विफसलीय क्षेत्र विस्तार, स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता, स्थानीय स्व सहायता समूहों को रोजगार के अवसर, भूमि की उर्वरता में सुधार और विष रहित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता एवं सुपोषण के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया है.

इसी तरह कलेक्टर एल्मा ने शहरी क्षेत्रों में भी गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि एकीकृत व्यवस्था के साथ सड़क में घूमने वाले पशुओं के नियंत्रण, खेत व बाड़ियों के लिए उच्च गुणवत्ता के जैविक खाद की उपलब्धता, शहरी स्वच्छता के मॉडल को सुदृढ़ करते हुए पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ पशु पालन से उत्सर्जित अपशिष्ट से होने वाली बीमारियों के बचाव के लिए अपशिष्ट का वैज्ञानिक निपटान किया जाएगा.

इस योजना में कार्यरत शहरी गरीब परिवारों के आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन के लिए शहरी क्षेत्रों में गोबर का क्रय एवं गोबर से निर्मित गुणवत्ता युक्त वर्मी कम्पोस्ट खाद विक्रय तथा गौठान समिति को आत्मनिर्भर भी बनाया जाएगा. नगरीय क्षेत्र के प्रत्येक पशुपालक का निकाय स्तरीय पंजीयन किया जाएगा. पंजीकृत पशुपालकों को गोधन न्याय योजना के अंतर्गत निर्धारित प्रारूप में कार्ड का वितरण किया जाएगा. पंजीकृत पशुपालकों द्वारा ही गोबर का विक्रय गोधन न्याय खरीदी केंद्र में किया जाएगा. समूह द्वारा पशुपालक को गोबर की क्रय उपरांत शासन द्वारा निर्धारित दर अनुसार मय परिवहन शुल्क भुगतान किया जाएगा.