दिलशाद अहमद, सूरजपुर। हरेली त्योहार इस बार प्रदेश के अन्य जिलों के साथ सूरजपुर जिले के किसानों के लिए समृद्धि और खुशहाली का तोहफ़ा लेकर आ रहा है. छतीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार किसानों और पशु-पालकों को केंद्र में रखकर इस अवसर पर महत्वकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना की शुरुवात करेगी. योजना के तहत पशुपालकों से डेढ़ रुपये किलो में गोबर की खरीदी कर वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार कर 8 रुपए किलो के हिसाब से बिक्री की जाएगी. इससे एक तरफ जहां पशुपालकों को चौपायों की देखभाल में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर कृषि भी रसायनिक खाद से मुक्त होगी.

भूपेश बघेल सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को लेकर लल्लूराम डॉट कॉम ने सूरजपुर जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों की राय ली. नकुलनार के डेयरी संचालक जैकी राठौर ने बताया कि गोधन न्याय योजना किसानों के लिए एक अच्छी पहल है. इससे हम लोगों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ मिलेगा, साथ ही मवेशियों के खुला छोड़ने की प्रवृत्ति भी थमेगी. इससे सड़कों पर मवेशी कम नजर आएंगे, जिससे सड़क हादसों में गिरावट आएगी.

विमलेश दत्त तिवारी ने बताया कि सूरजपुर जिले में दो सौ से ऊपर गोठान बने हुए हैं, जिसमें मॉडल गौठान का उद्घाटन खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था. जिले में गौठानों की स्थिति बहुत बेहतर है, और जिससे सीधे किसानों को लाभ पहुंच रहा है. गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन से स्थिति में और सुधार होगा, और अब तक जिस तरक्की के लिए किसान तरस रहे थे, उन्हें वह नसीब होगा.

गौशाला संचालक रामकृष्ण ओझा ने गौठान के जरिये किसानों के साथ-साथ आम जनता को होने वाले लाभ के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि गौठान के बगल वाली जमीनों में खेती करके महिला समूहों के द्वारा अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. वहीं गोबर खरीदी शुरू होने से निश्चित ही किसानों को आर्थिक रूप से फायदा पहुंचेगा.

पीढा ग्राम के तिरपन ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का तरीफ़ करते हुए कहते हैं कि इससे किसान जानवरों के अच्छे रख-रखाव के लिए प्रेरित होंगे. अच्छी बात यह है की बात अब हम गोबर बेच सकेंगे, और मिलने वाली राशि से हम मवेशियों को देख भाल कर सकेंगे. इससे बाहर घूमने वाली, रोड़ पर बैठी रहने वाली मवेशियों की संख्या में कमी आएगी, जिससे सड़क दुर्घटना में होने वाली इंसानों के साथ-साथ जानवरों की मौत में भारी कमी आएगी.

मनोज अग्रवाल मानु ने इस योजना के संबंध में बताते हुए कहते हैं कि इससे निश्चित ही किसानों-पशुपालकों को फायदा होगा, और खेती-किसानी में रसायनिक खाद पर निर्भरता कम होगी. बस यह योजना सुचारू रूप से चल सके और जिस मकसद से भूपेश सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है, यह योजना उन लोगों तक पहुंच सके. इसके लिए शासन व प्रशासन को गंभीरता से ध्यान रखना होगा.