प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। लोक महापर्व हरेली के अवसर पर संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे ने इरिमकसा गांव में सांकेतिक रूप से गोबर खरीद कर कवर्धा जिले में गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया. किसानों-पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी कर उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के साथ समाज में गोधन के महत्व को फिर से स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है.

गोधन न्याय योजना को लेकर जिले के अलग-अलग तबके की राय को जानने का lalluram.com ने प्रयास किया. योजना को लेकर सभी की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही, सवाल केवल क्रियान्वयन को लेकर ही किए गए. किसान जयराम साहू का कहना है कि नरवा, गरूवा, घुरूवा, बारी योजना के बाद भूपेश सरकार गोधन न्याय योजना की शुरुआत कर हरेली त्योहार में किसानों को बड़ी सौगात दी रही है. यह योजना से बहुत कारगार साबित होगी और किसानों को फायदा भी होगा. अब तक गोबर को लोग घुरूवा के फेंक देते थे, जिसका प्रत्यक्ष कोई फायदा नहीं होता था, लेकिन अब गोधन न्याय योजना से किसानों की माली हालत में सुधार होगा.

जोरताल के किसान द्वारिका (पिंटू) ने बताया कि कबीरधाम जिले में प्रथम चरण में 74 गौठान बने हुये हैं, और दूसरे चरण में 152 गौठान बनाए जाने की योजना है. हर एक गौठान में ग्राम गौठान समिति क्रय प्रबंधन का काम करेगी. इसके लिए हर गोठान में नोडल नियुक्त किए गए हैं. वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए NRLM और केवीके में किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. किसानों और पशुपालकों से सीधे परिवहन सहित 2 रुपए किलो के हिसाब से गोबर खरीदा जाएगा, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से फायदा मिलेगा.

अधिवक्ता अशोक सोनी कहते हैं कि हरेली छत्तीसगढ़ की पारंपरिक त्योहार और हिन्दू धर्म का पहला पर्व है. इस अवसर पर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना का शुभारंभ कर किसानों को हरेली त्योहार का तोहफा दिया है. पशुपालकों को गोबर अब तक व्यर्थ चला जाता था, लेकिन गोधन न्याय योजना से किसान और पशुपलकों के साथ-साथ महिला समूहों को इसी गोबर के जरिए रोजगार मिलेगा. योजना में गोबर से कम्पोस्ट खाद बनने की प्रक्रिया में किसानों की आय दोगुनी होगी, जिससे प्रदेश का विकास होगा. यह योजना एक तरह से किसानों और महिला समूहों के लिए वरदान साबित होगा.

व्यापारी श्रीकांत गुप्ता ने बताया कि देश की अपनी तरह की पहली गोधन न्याय योजना की शुरुआत आज से प्रदेश में हो रही है. इस योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी करना है. इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है. गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा.