रोहित कश्यप, मुंगेली। जिले में लॉकडाउन के पहले ही दिन भद्दा मजाक देखने को मिला. यहां कहने के लिए जिला प्रशासन ने 22 से 28 जुलाई तक नगरीय निकाय क्षेत्र मुंगेली, लोरमी, पथरिया, सरगांव के अलावा ग्राम पंचायत जरहागांव, सेतगंगा और बरेला में लॉकडाउन किया है. लेकिन लॉकडाउन नियमों को ठेंगा दिखाती आज की जो तस्वीरे सामने आई है, वो सोचने पर मजबूर कर रही है. इन तस्वीरों से ऐसा लगता है कि प्रशासन ने महज औपचारिकता निभाने लॉकडाउन किया है या नियमों का पालन कराने में जिले के प्रशासन और पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी गंभीर नहीं है. सवाल इसलिए है क्योंकि लॉकडाउन वाले जरहागांव में जहां प्रशासन ने ही शराब दुकान खुले रखने का आदेश जारी किया है, जबकि जिले के अन्य नगरीय क्षेत्रों में शराब दुकानें बंद है, लेकिन यहां के शराब दुकान को खुला रखा गया है. ऐसे में लॉकडाउन का असर क्या होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

इसके अलावा प्रशासन ने जरूरी सेवाओ को छोड़कर किराना व अन्य दुकानों को पूरी तरह बन्द रखने का आदेश जारी किया है लेकिन ग्रामीण इलाकों के लॉकडाउन वाले जगहों में किराना दुकान खोले गए. सब्जी की दुकानों को नियम के मुताबिक इन जगहों पर 7 से 11 बजे तक खोला जाना था जबकि कुछ नगरीय क्षेत्रों के अलावा पंचायत क्षेत्रों में किराना से लेकर अन्य दुकानें खुली रही. इसके अलावा जिले की सीमाओं को ना तो किसी तरह सील किया गया ना ही ऐसे जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है, जिसके चलते लोगों का बेधड़क आवाजाही जारी है. स्थिति यह भी है कि यहां लोग बिना मास्क लगाए, सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आए.

बड़ी बात यह भी है कि जिला प्रशासन ने नगरीय क्षेत्रों के अलावा जिले के जरहागांव, बरेला और सेतगंगा पंचायत को लॉकडाउन में तो शामिल किया है जबकि जरहागांव में शराब की दुकान खोलना समझ से परे है, क्योंकि नगरीय क्षेत्र के शराब दुकानों को बंद किया गया है, जिसके चलते यहां बड़ी संख्या में लोग शराब लेने पहुंच रहे हैं. ऐसे में यहां लॉकडाउन करने का औचित्य ही नजर नहीं आ रहा है.