स्पोर्ट्स डेस्क- सौरव गांगुली को टीम इंडिया के सफल कप्तानों में से एक माना जाता है, साथ ही ये भी कहा जाता है कि अगर इंडियन क्रिकेट ने विदेशी सरजमीं पर नई उंचाइयों को छूना शुरू किया तो उसमें सौरव गांगुली की कप्तानी का बड़ा रोल रहा।

आज भी सौरव गांगुली की कप्तानी और एम एस धोनी की कप्तानी को लेकर तुलना की जाती है तो क्रिकेट के जानकार आज भी बंट जाते हैं, उनकी अलग अलग राय रहती है।

 अभी हाल ही में गौतम गंभीर ने चर्चाओं के दौरान ये कहा था कि सौरव गांगुली ने बतौर कप्तान जो टीम बनाकर एम एस धोनी को दी थी, उसी का नतीजा था कि साल 2011 में टीम इंडिया वनडे वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब हो सकी।

 अक्सर ये कहा भी जाता है कि युवराज सिंह, वीरेंन्द्र सहवाग, गौतम गंभीर, एम एस धोनी, जहीर खान जैसे स्टार खिलाडियों को पहचानने और उन्हें मौका देने में सौरव गांगुली के पारखी कप्तानी का बड़ा रोल रहा, और आगे चलकर इन सभी खिलाडियों ने क्या कमाल किया ये पूरी दुनिया ने देखी।

अब एक बार फिर से सौरव गांगुली चर्चा में आ गए हैं, और इस बार वो कोलकाता नाइटराइडर्स के पूर्व निदेशक जॉय भट्टाचार्य की वजह से सुर्खियों में आए हैं क्योंकि अभी हाल में एक शो में जॉय भट्टाचार्य ने सौरव गांगुली के बारे में बात करते हुए ये खुलासा किया है कि मुझे याद है जब हम बांग्लादेश की फ्लाइट में बैठे थे तो सौरव गांगुली ने कहा था कि हमारे पास नया चाबुक बल्लेबाज है, आप उसे देखिएगा एक दिन वो बड़ा स्टार बनेगा। और वो बल्लेबाज कोई और नहीं बल्कि एम एस धोनी थे जब टीम इंडिया में उन्होंने एंट्री की थी, और उस टाइम  में ही सौरव गांगुली ने उन्हें लेकर ये भविष्यवाणी कर दी थी कि एक दिन एम एस धोनी दुनिया के स्टार क्रिकेटर बनेंगे, और बड़ा नाम कमाएंगे, और उन्हें चाबुक बल्लेबाज का तमगा भी दे दिया था।

 जॉय भट्टाचार्य आगे कहते हैं कि सौरव गांगुली के बारे में एक बात ये है कि वो टैलेंट को पहचानते थे, अगर आपमें प्रतिभा है तो वो आपका समर्थन करते थे क्योंकि वो जानते थे कि आप कब रन बनाएंगे। सौरव गांगुली की टैलेंट पहचानने के टैलेंट पर जॉय भट्टाचार्य ने आगे कहा कि आप युवराज को देखिए सहवाग को देखिए , आप जानते हैं कि उन्होंने सहवाग के साथ क्या किया, उन्हें ओपन करने की सलाह दी, टीम में उस समय सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ी थे, सहवाग मडिल ऑर्डर में अपनी जगह नहीं बना सकते थे, युवराज को काफी समय तक मौका ही नहीं मिला क्योंकि वो मिडिल ऑर्डर में खेल रहे थे, सौरव गांगुली ने सहवाग से ओपन करने के लिए कहा इसके बाद किस तरह से सहवाग ने इतिहास रचा ये सबने देखा।

 गौरतलब है कि सौरव गांगुली की कप्तानी में ही एम एस धोनी ने अपना डेब्यू टीम इंडिया से किया था, सौरव गांगुली ही वो कप्तान थे जिन्होंने शुरुआती कुछ मैच में फ्लॉप होने के बाद भी एम एस धोनी को बैक टू बैक मौके दिए थे और फिर एम एस धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ एक मैच में 148 रन की ताब़डतोड़ पारी खेल दी थी और फिर उसके बाद तो उन्होंने ताबड़तोड़ रन बरसाए और क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाई, बेहतर कप्तान बने, ताबड़तोड़ क्रिकेटर बने चाबुक बल्लेबाज बने, जो दुनिया के स्टार माने जाते हैं ।