रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस वक्त बेहद अहम बैठक ले रहे हैं. ये बैठक मुख्यमंत्री निवास में मंत्रियों, अधिकारियों के साथ हो रही है. बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार और संसदीय सचिव भी शामिल हैं. बैठक में उन विषयों पर चर्चा हो रही है जो छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा को तय करेगा.
बैठक में वन, समुदाय और कृषि से संबंधित मसलों पर चर्चा की जा रही है. बैठक में मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर और डॉक्टर प्रेमसाय सिंह है. जबकि वीडियो कांफ्रेंसिग से टीएस सिंहदेव जुड़े हुए हैं. बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार, संबंधित विभाग के संसदीय सचिव और अधिकारी भी मौजूद हैं.
बैठक में वन भूमि में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर मंथन चल रहा है. बैठक में एक अहम मसला वनाधिकार पट्टा धारकों के आर्थिक उत्थान का है. सरकार मान रही है कि सिर्फ वनाधिकार देने से काम नहीं बनेगा. उनके आर्थिक उत्थान के लिए कुछ ठोस कदम उठाने पड़ेंगे. इसके अलावा सामुदायिक पट्टे की ज़मीनों के संबंध में भी चर्चा हो रही है. इससे प्रदेश के करीब 3 लाख लोगों को फायदा होगा.
सरकार कोदो कुटकी जैसी फसलों को बढ़ावा देने पर चर्चा हो रही है. सरकार मोटे अनाज का रकबा बढ़ाना चाहती है. इसके अलावा निजी भूमि में प्लाटेंशन को लेकर नियमों में पारदर्शिता लाने पर चर्चा हो रही है.
सरकार की एक चिंता जैव विविधता बोर्ड की कार्रवाई है. इसकी समीक्षा की जा रही है. सरकार ये भी चाहती है कि बायो डायइवर्सिटी के काम में स्थानीय युवकों को जोड़कर उन्हें रोज़गार दिया जाए.
बैठक में ग्रामसभा को सामुदायिक अधिकार देने और नदी तट के किनारे वृक्षारोपण को लेकर चर्चा होनी है. सरकार लंबे समय से लटके नारंगी क्षेत्र को लेकर भी चर्चा कर सकती है. नारंगी क्षेत्रों का विवाद सुलझा नहीं है. इससे करीब 5 लाख से 10 लाख हैक्टेयर ज़मीन के बारे में फैसला नहीं हो पा रहा है.