हेमंत शर्मा, रायपुर। घर के भीतर जन्म दिन मनाने के जुर्म में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें 4 युवतियां और 5 युवक शामिल हैं। मामले में पुलिस ने सभी के खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई किया है।

मामला ख्महारडीह थाना इलाके का है,जहां स्टील सिटी के मुख्य् द्वार के बाहर एक फ्लैट में बर्थडे पार्टी का आयोजन किया गया था। बताया जा रहा है कि यहां रहने वाली एक युवती का आज जन्मदिन है। फ्लैट में युवकों को देखकर कॉलोनी के किसी व्यक्ति ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने 4 युवतियों और 5 युवकों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें थाना में बंद कर दिया। गिरफ्तार किये गए सभी युवाओं के ऊपर पुलिस ने धारा 151 के तहत कार्रवाई की है।

हालांकि खुद पुलिस का बयान है कि सभी युवा एक दूसरे के दोस्त हैं और एक युवती का जन्मदिन था, जिसे मनाने के लिए सब इकट्ठा हुए थे। हम युवाओं की फोटो को धुंधला करके लगा रहे हैं, ताकि उनकी पहचान उजागर न हो।

 

सवालों के घेरे में पुलिसिया कार्रवाई

अब पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं। क्या घर में जन्मदिन मनाना कोई अपराध है ? अगर लॉक डाउन का किसी ने उल्लंघन किया है तो उसके खिलाफ फिर महामारी एक्ट की जगह प्रतिबंधात्मक धारा के तहत कार्रवाई क्यों की जा रही है ? ऐसा कौन सा संज्ञेय अपराध ये युवा करने जा रहे थे जिसे रोकने के लिए पुलिस ने धारा 151 का इस्तेमाल किया ? पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अगर वे गहरे अवसाद में चले जाते हैं तो फिर उसका जिम्मेदार कौन होगा ?

सारी रात काटनी पडे़गी हवालात में

गिरफ्तार किये गए किसी भी युवा का कोई भी अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वे सभी अच्छे घरों से ताल्लुक रखते हैं। 151 के तहत उन पर कार्रवाई की गई है। जिसकी वजह से अब उन्हें सारी रात थाना के हवालात में गुजारने पड़ेगा। शुक्रवार को उन्हें एसडीएम कोर्ट में पेश किया जाएगा।

जा सकते हैं गहरे अवसाद में

सब जानते हैं कि जन्मदिन मनाना कोई अपराध नहीं है। लेकिन लॉक डाउन के दौरान उन्होंने ऐसा किया है लिहाजा उनके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती थी। जबकि पुलिस ने उन पर 151 की कार्रवाई की, और अब उन्हें रात भर हवालात में रखा जाएगा। जिससे उनके मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ सकता है। जो कि मानसिक तौर पर उन्हें अस्थिर कर सकता है। सभ्य समाज में किसी की गिरफ्तारी अच्छी नहीं मानी जाती, वह भी किसी युवती के लिए… भारतीय समाज में इसे अच्छा नहीं माना जाता और ऐसे युवतियों को हिकारत की नजर से देखा जाता है। इसकी समाज में चर्चाएं और निंदा भी होती है। लिहाजा उऩ्हें डिप्रेशन के दौर से भी गुजरना पड़ सकता है।

जानिये क्या है धारा 151

दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 151, यह स्पष्ट करती है आखिर वो क्या शर्तें हैं जिनके तहत एक पुलिस अधिकारी, किसी व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना और बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है। गौरतलब है कि वह इस धारा के अंतर्गत गिरफ्तारी केवल तभी कर सकता है जब उसे किसी संज्ञेय अपराध करने की परिकल्पना का पता चलता है। ऐसी शक्ति के प्रयोग के लिए एक और शर्त यह है कि गिरफ्तारी केवल तभी की जानी चाहिए जब संबंधित पुलिस अधिकारी को यह प्रतीत होता है कि अपराध का किया जाना (कमीशन) अन्यथा रोका नहीं जा सकता है अर्थात बिना व्यक्ति को गिरफ्तार किये, अपराध का कारित होना रोका नहीं जा सकेगा।