सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के मनाही के बावजूद निजी स्कूल संचालक पालकों से फीस की वसूली कर रहे हैं. मामले की शिकायत के बाद भी संचालकों पर कार्रवाई नहीं हो रही है. सरकार ने फीस वसूलने से मना तो किया है लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं कर पा रही हैं. ये बातें राजधानी के पालकों ने कही है. अब एक परेशान पालक ने स्कूल के खिलाफ बाल आयोग दिल्ली में शिकायत की है. उन्होंने अपने शिकायत में कहा कि भारतीय विद्या भवनस, आरके सारदा ग्रुप रायपुर ने फीस जमा करने पर मेरे बच्चे को प्रताड़ित कर रहे हैं. आनलाइन पढ़ाई से बाहर कर दिया है, क्योंकि मैंने स्कूल की शिकायत उच्च अधिकारियों से की थी.
पालकों ने कहा कि प्रदेश सरकार, शिक्षा विभाग के आदेश की खुलेआम उल्लघंन हो रही है. मामले की शिक्षा विभाग में दर्जनों बार शिकायत की गई, घेराव व प्रदर्शऩ किया गया. जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है. इसके बाद भी शिक्षा विभाग निजी स्कूलों के सामने नतमस्तक है. आदेश उल्लघंन के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है. पालकों पर दबाव बनाकर फीस वसूला जा रहा है. अभी बच्चे घर में है, स्कूलों में ताला लटका है. इसके बाद भी स्कूल संचालक लायब्रेरी व वाहन का फीस वसूल रहे हैं.
पालक संघ के जिला अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि लोक शिक्षण संचालनालय, रायपुर,छतीसगढ़ और जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर,छतीसगढ़ का यह स्पष्ट निर्देश है कि लॉकडाउन अवधी में फीस जमा करने के लिए स्कूलों के द्वारा पालकों पर दबाव नही बनाया जाए और ऑनलाईन क्लासेस के फीस की भी मांग नहीं किया जाए, यदि कोई निजी विद्यालय इन निर्देशो का पालन नहीं करता है तो उस विद्यालय के खिलाफ विश्व आपदा प्रबंधन की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी, लेकिन आज तक ऐसे दर्जनों स्कूलों की शिकायत सबूत के साथ कई बार की गई है. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एनसीपीसीआर दिल्ली को सर्कुलर 21 अप्रैल 2020 की कंडिका दो में यह स्पष्ट लिखा है कि फीस जमा नहीं करने पर भी बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है. शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है और फीस जमा नहीं कर पाने के कारण उन्हें शिक्षा से वंचित करना गंभीर अपराध है.