रायपुर – कवर्धा जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने कोरोनाकाल में धैर्य को बरकरार रखते हुए रोजगार का अवसर ढूंढ लिया है। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जिले के महिला स्वयं सहायता समूह ने फल एवं सब्जियों से अनोखी राखियां बनाकर खुद के लिए आमदनी का जरिया तलाशा है। ऱाखियां बनाकर बिक्री के साथ ही समूह की महिलाएं हैंडवाश और मास्क का उपयोग कर कोविड-19 से बचाव का संदेश भी दे रही हैं।


राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान” के तहत कार्य करने वाली महिला समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित हैंड मेड राखियों को लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय एवं जिला पंचायत परिसर एवं जिले के सभी जनपद पंचायतों में महिला समूह की स्वदेशी और हाथ से बनी हुई राखियों की बिक्री की जा रही है। दो दिनों से राखियों की बिक्री शुरू की गई है जो 3 अगस्त तक चलेगी। अभी तक लगभग 3000 से अधिक रूपए की राखियों की बिक्री हो चुकी हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विजय दयाराम के मार्गदर्शन में जिले के बहुत सी महिला स्व सहायता समूह द्वारा राखी निर्माण का कार्य किया जा रहा है। प्राकृतिक सामान का उपयोग कर समूह की महिलाओं ने अब तक जिला पंचायत में 1000 रुपये से अधिक की राखियां विक्रय की है। जनपद पंचायत बोड़ला के मुख्यालय में आंचल स्वयं सहायता समूह पौड़ी की महिलाओं ने 1200 रुपये से अधिक की राखियां का विक्रय किया है । कोरोना महामारी को देखते हुए महिला स्वयं सहायता समूह ने होम डिलीवरी की सुविधा भी जिले वासियों को दी है जिसके लिए विकासखंड कवर्धा के मुख्यालय से संपर्क किया जा सकता है। मां दुर्गा समूह की अध्यक्ष कुमारी लाझी बताती है लॉकडाउन और कोरोनाकाल में कामकाज बंद हो गए थे। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो गया। समूह की महिलाओं ने त्योहार को देखते हुए और देसी सामान से राखी बनाकर स्वरोजगार पाया है।

पर्यावरण के अनुकूल हैं राखियां– जय मां लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की सदस्य नूतन झरिया ने बताया राखियां प्राकृतिक चीजों को मिलाकर बनाई गई है, जो पर्यावरण के अनुकूल है। ऱाखी निर्माण और सजावट में बॉंस के छिलके और देसी बीजों जैसे लौकी, खीरा, भिंडी के बीज, धान के दाने, चावल के दाने का इस्तेमाल किया गया है।


मोर राखी किट में कोविड बचाव उपाय भी – स्टॉल लगाकर बिक्री की जा रही राखियों में कॉम्बो पैक मोर राखी किट भी है। 110 रूपए मूल्य की इस किट में एक जोड़ी स्वदेसी राखी , रोली चावल, चॉकलेट के साथ ही कोरोनावायरस से बचाव के लिए स्वदेसी सेनेटाइजर, कपड़े का हाथ से बनाया हुआ मास्क, रूमाल भी है। बिक्री स्टॉल पर महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कोविड बचाव के लिए हाथों को साफ करने, मास्क पहनने, लोगों से दूरी बनाकर रखने के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रही हैं।