रायपुर। बहुत समय बाद अपने गृहग्राम कुरुदडीह पहुंचा. धान से लहलहाते खेतों, हरियाली की भीनी सुगंध और मेढ़ों ने पुरानी यादें ताज़ा कर दीं. गांव के पुराने साथियों और‌ सहकर्मियों से ख़ूब बातें भी हुईं. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने रविवार को अपने खेतों में पहुंचने के बाद ट्वीट कर कही.

पुरखों से कृषि से जुड़े मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि 60 के दशक में मेरे परिजनों ने गांव को सिंचित करने का ‌बीड़ा‌ उठाया था. सूखे के दौरान राहत कार्य करवाए थे. यहीं नहीं उन्होंने गांव के युवाओं‌ को ट्रैक्टर चलाने, उसे‌ सुधारने से लेकर बिजली के उपकरण बनाने तक की ट्रेनिंग दे दी थी.

गांव के खेतों में पहुंचते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पुराने दिनों की ओर लौट गए. पुरानी बातें एकएक कर उनके स्मृति पटल पर ताजा होने लगी. बता दें कि भूपेश बघेल के खेतों में धान की रोपाई का काम हो चुका है, वहीं खादपानी की व्यवस्था को लेकर उन्होंने साथियों से चर्चा की.

इस दौरान उनके साथ उनके बेटे चैतन्य के अलावा उनके चारों सलाहकार रुचिर गर्ग, प्रदीप शर्मा, विनोद वर्मा और राजेश तिवारी के अलावा सीएमडीसी के नवनियुक्त अध्यक्ष गिरीश देवांगन और नान के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल भी मौजूद थे.