रायपुर. केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी रायपुर पहुंचे हैं. वे यहां कमर्शियल माइनिंग को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करने पहुंचे हैं. उन्हें कमर्शियल माइनिंग के फायदे बताएंगे. लेकिन दिलचस्प बात है कि जब वो रायपुर पहुंच रहे हैं तभी या बात सामने आ रही है कि जिस मंत्रालय के वे सर्वेसर्वा हैं. उसी के मातहत आने वाली सरकारी कंपनी एसईसीएल छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदी हसदेव में भारी प्रदूषण फैला रहा है.

एसईसीएल दूषित पानी ड्रेनेज के माध्यम से सीधे हसदेव में बहा रही है. इस बात का खुलासा छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की जांच में हुआ है. पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी ने 18 जून को कुसमुंडा क्षेत्र में एसईसीएल के कोल खदान की जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजी है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि एसईसीएल कोयले की हैंडलिंग और जल निस्तारण के मामले में नियमों का पालन नहीं कर रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि परिसर में पर्याप्त मात्रा में वायु प्रदूषण फैला हुआ है. कोल अनलोडिंग हॉपर को ढंका नहीं गया है. परिसर में नियमानुसार गारलैंड सह कोल स्लज सैटलिंग प्लांट का निर्माण नहीं किया गया है.

जांच में ये भी पाया गया कि वर्कशॉप की हालत भी खराब है. नंबर एक में दूषित जल के उपचार का संयंत्र नहीं लगाया गया है जबकि वर्कशॉप तीन की ये मशीन तीन महीने से बंद है. यहां ऑयल ड्रम को रखने में भी निर्धारित मानकों की अनदेखी हो रही है.

इन सबसे सबसे खतरनाक चूक दूषित जल का निस्तारण सीधे हसदेव नदी में होना है. इससे हसदेव में भारी मात्रा में प्रदूषण फैल रहा है.