राँची/रायपुर। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. छत्तीसगढ़ में कोल माइनिंग के मुद्दों पर चर्चा करने पहुँचे हैं. दरअसल प्रदेश में कोल खनन को लेकर कई तरह के विवाद के साथ जल-जंगल-जमीन और आदिवासियों की समस्याएं हैं. इन विषयों को लेकर रायपुर में आज केंद्रीय मंत्री मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे, अधिकारियों से चर्चा करेंगे.
लेकिन रायपुर में होने वाली इस बैठक से पूर्व पड़ोसी राज्य झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बाद एक तीन ट्वीट कर कोल इंडिया पर प्रहार किया है. मुख्यमंत्री ने सोरेन कहा कि- कोयला का धूल फांके मेरे राज्य के लोग, विस्थापन का दंश झेले हम और मुनाफा कमाने वाली CIL और इनकी जैसी अन्य कम्पनियाँ राज्य का वाजिब हक भी न दे. अब ये नहीं चलेगा.
वहीं उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आज कोल इंडिया लिमिटेड की तरफ से खनन के लिए ली गयी जमीन के एवज में 250 करोड़ रुपये का प्रथम भुगतान हुआ है. मैं खुश नहीं हूँ. क्योंकि लगभग 65000 करोड़ का बकाया इन कंपनियों पर है. खदानों के राष्ट्रीयकरण के बाद के वर्षों में लगभग 50000 एकड़ जमीन इन सरकारी कंपनियों को दी गयी हैं.
उन्होंने कहा कि मैं तो झारखंड का एक-एक पाई लाने के लिए पूरा प्रयास करूंगा पर अफसोस रहेगा कि मेरे पूर्व, राज्य को अनेकों मुख्यमंत्री मिले पर इस मुद्दे पर सभी ने चुप्पी साधना स्वीकार किया. लड़ाई लंबी है, पर राज्य की जनता ने मुझे जिस विश्वास से चुना है उस पर खरा उतरने के लिए सतत प्रयत्नशील हूँ.
ये है हेमंत सोरेन का ट्वीट-
आज कोल इंडिया लिमिटेड की तरफ से खनन के लिए ली गयी जमीन के एवज में 250 करोड़ रुपये का प्रथम भुगतान हुआ है। मैं खुश नहीं हूँ क्योंकि लगभग 65000 करोड़ का बकाया इन कंपनियों पर है।
खदानों के राष्ट्रीयकरण के बाद के वर्षों में लगभग 50000 एकड़ जमीन इन सरकारी कंपनियों को दी गयी हैं।1/3 pic.twitter.com/uRMwbreJpX
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) July 30, 2020
कोयला का धूल फांके मेरे राज्य के लोग, विस्थापन का दंश झेले हम और मुनाफा कमाने वाली CIL और इनकी जैसी अन्य कम्पनियाँ राज्य का वाजिब हक भी न दे।
नहीं चलेगा 3/3
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) July 30, 2020
गौरतलब है छत्तीसगढ़ की तरह ही झारखंड भी देश में काला हीरा के लिए प्रसिद्ध राज्य है. झारखंड में एक बड़ा हिस्सा कोल भंडार से परिपूर्ण हैं. लेकिन वहाँ भी जल-जंगल-जमीन आदिवासियों के लिए प्रमुख मुद्दा है. इन मुद्दों की ओर से ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की है.