रायपुर- भूपेश सरकार की आपत्ति के बाद आखिरकार केंद्र ने हसदेव अरण्य क्षेत्र में आने वाले कोल ब्लाॅक को राज्य में कमर्शियल माइनिंग के लिए चिन्हांकित किए गए 9 कोल ब्लाॅकों की सूची से हटा दिया गया है. इनमें मोरगा साउथ, मोरगा टू, मदनपुर नार, सियांग और फतेहपुर ईस्ट शामिल है. केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि पांच ब्लाॅक हटाए जाने के बाद 3 नए कोल ब्लाॅक आक्शन में जोड़े जाएंगे.
देश में कोयले की कमर्शियल माइनिंग किए जाने के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर हसदेव अरण्य क्षेत्र में आ रहे कोल ब्लाॅकों को माइनिंग के लिए खोले जाने पर आपत्ति दर्ज की थी. इस आपत्ति के बाद ही केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी एक दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंचे थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के अधिकारियों के साथ हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कोयला मंत्री जोशी ने मीडिया को बताया कि इस माइनिंग से देश के साथ-साथ राज्यों का राजस्व बढ़ेगा. दो लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार से सीधे जोड़ा जा सकेगा.
प्रहलाद जोशी ने कहा कि कोयले की कमर्शियल माइनिंग से केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्यों को मिलने वाले राजस्व में बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि देश के संघीय ढांचे में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय होना बेहद महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि कोल माइनिंग को लेकर छत्तीसगढ़ की ओर से दर्ज की गई आपत्तियों पर चर्चा करने वह यहां आए थे. जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ हुई उनकी बैठक में समन्वय बेहतर करने की दिशा में बातचीत हुई है. उन्होंने बताया कि देश में पहली बार कॉमर्शियल माइनिंग की जा रही है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि जिन-जिन सरकारों को कॉमर्शियल माइनिंग पर आपत्ति है उनसे बात करें. उन्होंने कहा कि निर्वाचित सरकार किसी की भी हो, उनको साथ लेकर चलना है.
कोयला मंत्री ने कहा कि हसदेव अरण्य क्षेत्र के पांच कोल ब्लाॅक की जगह राज्य सरकार ने 3 नए ब्लाॅक का विकल्प सामने रखा है. पर्यावरण समेत अन्य आपत्तियों को देखने के बाद हम इस पर विचार कर आक्शन में लेंगे. जोशी ने कहा कि इस वक्त छत्तीसगढ़ में करीब 20 कोल ब्लाॅक केंद्र सरकार के अधीन हैं. इनमें से कई ब्लाॅकों में माइनिंग बंद है. अगर इन्हें शुरू किया जाए, तो राज्य सरकार को सालाना 6 से 8 हजार करोड़ रूपए का राजस्व मिलेगा.