रायपुर. वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना में प्रकरणों का निपटारा एक महीने में हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक जो बीमा योजना चल रही थी उसके निपटारे में साल-दो साल तक का वक्त लग जाता था.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया भूपेश बघेल और वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने 5 अगस्त को महेंद्र कर्मा की जंयती पर तेंदूपत्ता के संग्राहकों के लिए नई सामाजिक सुरक्षा योजना लांच की है. इसका नाम शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना रखा गया है.

अकबर ने कहा है कि इस योजना से प्रदेश के 12.5 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक लाभान्वित होंगे. छत्तीसगढ़ राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वन विभाग एवं छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के समन्वय से यह योजना प्रारंभ की गयी है. इस योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा किया जाएगा.

अब तक केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर तेंदूपत्ता संग्राहकों का बीमा करती थीं. लेकिन इस साल केंद्र सरकार के इस योजना से अपने हाथ खींच लिए थे. जिसके बाद केंद्र सरकार ये योजना लेकर आई है. 

शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना में तेंदूपत्ता संगहण कार्य में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया की अगर 50 वर्ष से कम उम्र में मौत हो जाती है. तो सामान्य मृत्यु पर नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को 2 लाख और दुर्घटना से मृत्यु होने पर 4 लाख रूपए की सहायता राज्य सरकार देगी.

दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रूपए और आंशिक विकलांगता की स्थिति में एक लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि दी जाएगी.  

योजना के अंतर्गत यदि संग्राहक परिवार के मुखिया की 50 से 59 आयु वर्ष के बीच सामान्य मृत्यु होती है, तो 30 हजार रूपए, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए, दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति पर 75 हजार रूपए और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37 हजार 500 रूपए की सहायता अनुदान राशि परिवार के नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को दी जाएगी. 
छत्तीसगढ़ राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वन विभाग एवं छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के समन्वय से यह योजना प्रारंभ की गयी है. इस योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा किया जाएगा.