सत्यपाल राजपूत, रायपुर। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के विकासखंड एवं संकुल समन्वयकों का पिछले दस सालों से वेतन वृद्धि नहीं हुआ है. जबकि विभाग के अन्य अधिकारियों को ज्यादा भुगतान हो रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि केंद्रीय योजनाओं के राज्य संचालन में भारी विसंगति है. इस विसंगति से हम परेशान है. परेशान कर्मचारी एक सामान काम के लिए एक समान वेतन की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों ने समस्या के समाधान नहीं होने पर धरना प्रदर्शन कर चक्काजाम करने की चेतावनी दी है. राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत पंचायत मंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे.

छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा भारत मिशन कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष निर्माणी चंदेल ने बताया कि पिछले 10 साल से हम वेतन विसंगति का दंश झेल रहे हैं. कई बार विभागीय मंत्री से लेकर उच्चाधिकारियों तक मांग की गई है, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है.

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के विकासखंड स्तर पर कार्यरत विकासखंड समन्वयक एवं संकुल समन्वयक का वेतन पिछले दस सालों से वेतन नहीं बढ़ा है. विभाग के किसी कर्मचारी का 10 हजार है तो किसी का 8 हजार है. नियुक्ति से आज तक कोई वेतन वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन इसी विभाग में राज्य समन्वयक, जिला समन्वयक व जिला सलाहकार इन सभी पदों में दो गुना वेतन वृद्धि हो चुकी है. जैसे कि जिला समन्वयक के लिए ज्वाइनिंग 20 हज़ार में हुआ था, लेकिन आज उनका 40 हजार वेतन है, लेकिन हमारा पिछले 10 सालों से जस का तस है.

समन्वयक सरिता ने बताया कि अगर हम प्रधानमंत्री आवास योजना की बात करें तो इसमें विकासखंड समन्वयकों को 31 हजार रुपए का भुगतान हो रहा है. वहीं स्वच्छ भारत मिशन (NRLM) में समन्वयक पद के लिए 33 हज़ार का भुगतान हो रहा है. वहीं स्वच्छ भारत मिशन के पद के लिए 8 हजार और 10 हज़ार का भुगतान हो रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों से वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं. अधिकारी और कर्मचारियों के चक्कर काटकर परेशान हो चुके हैं. यदि हमारी मांगे पूरी नहीं की गई तो धरना प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम करेंगे, जिसकी ज़िम्मेदारी विभागीय ज़िम्मेदार अधिकारियों की होगी.