रायपुर। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर देश और प्रदेश के आदिवासी समाज एवं समस्त नागरिकों को राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत, मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष विष्णु देव साय ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

परम्पराओं को संजोए हैं आदिवासी- उइके

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश के उन प्रदेशों में शामिल है, जहां पर करीब 32 प्रतिशत आदिवासी निवासरत हैं, जो अनेकों परम्पराओं को संजोए हुए हैं. इनकी संस्कृति और परम्पराएं अनूठी है. आदिवासी समाज ने नदी, नाले, तालाबों, झरनों, पर्वतों, शिखरों, गुफा, कंदराओं, लता, वृक्ष, पशु-पक्षी में भी देवशक्तियों को अवतरित कर उनके प्रति आदर भाव प्रदर्शित किया है. ऐसे भावों के कारण ही आदिवासी समाज सहज रूप से समृद्ध हुआ है. राज्यपाल ने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के लोग सदैव प्राचीन समय से संस्कृति-परंपराओं एवं प्रकृति के संरक्षक रहे हैं. इतिहास गवाह है कि समय आने पर वे देश की रक्षा के लिए आक्रमणकारियों के खिलाफ उठ खड़े हुए और बलिदान भी दिया. इस समाज में बिरसा मुण्डा, वीर नारायण सिंह, गुंडाधुर, रानी दुर्गावती, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, बादल भोई, टंटया भील जैसे महान लोग अवतरित हुए हैं, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति दे दी. इस अवसर पर मैं उन्हें नमन करती हूं.

आदिवासी के हित में लिए कई अहम फैसले- भूपेश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ जनजाति बाहुल्य प्रदेश है. जनजातियों की प्राचीन कला और संस्कृति यहां की अनमोल धरोहर है. छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों की प्राचीनतम विरासत और संस्कृति को सहेजते हुए उनके विकास और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए संकल्पित है. हमारी कोशिश है कि प्रकृति के करीब जीवन जीने वाली यहां की 32 प्रतिशत आदिवासी जनता को सभी आवश्यक नागरिक सुविधाएं और आगे बढ़ने के सभी साधन सुलभ हों. बघेल ने कहा कि जनजातियों के विकास और हित को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने बीते डेढ़ साल में कई अहम फैसले लिये हैं. लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की 4200 एकड़ जमीन की वापसी, जेलों में बंद आदिवासियों के मामलों की समीक्षा के लिए समिति का गठन, जिला खनिज न्यास के पैसों से आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार का निर्णय, बस्तर और सरगुजा में कर्मचारी चयन बोर्ड की स्थापना और यहां आदिवासी विकास प्राधिकरणों में स्थानीय अध्यक्ष की नियुक्ति से आदिवासी समाज के लिए बेहतर काम करने की कोशिशें जारी हैं. उन्होंने कहा है कि मुझे खुशी है कि हमने तेजी से आदिवासियों के हितों के लिए निर्णय लिए जिससे उनका जीवन अधिक सरल हो सका है. हमने वन अधिकार पट्टों के माध्यम से हजारों आदिवासियों को जमीन का अधिकार देकर उन्हें आवास, और आजीविका की चिंता से मुक्त करने का प्रयास किया है. हमारी कोशिश है कि आदिवासी समुदाय तक सीधे सरकार की विकास योजनाएं पहुंचे और जल, जंगल और जमीन को लेकर उनकी चिंता दूर हो सकें.

समाज सभी क्षेत्र में कर रहा तरक्की- प्रेमसाय

प्रदेश के आदिम जाति, अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि आदिवासियों को उनका हक और सम्मान दिलाने, उनकी समस्याओं के निराकरण करने, भाषा, संस्कृति और इतिहास के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त 1994 को विश्व आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया. तब से दुनिया में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ जनजाति बाहुल्य प्रदेश है. यहां की जनजातीय कला एवं संस्कृति अनमोल है. राज्य की कुल आबादी का लगभग 32 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी समाज का है. आदिवासी शब्द दो शब्दों आदि और वासी से मिलकर बना है और इसका मूल अर्थ मूल निवासी होता है. आदिवासी समुदाय का जीवन जल, जंगल, जमीन से जुड़ा है। आदिवासी समाज समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है. आदिवासी समाज आज हर क्षेत्र शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान, कला-संस्कृति में तेजी से तरक्की कर रहा है. देश-प्रदेश के विकास में आदिवासी समाज की भागीदारी बढ़ी है.

मानव समाज की अनमोल धरोहर- विष्णु देव

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने कहा कि भारत सहित पूरी दुनिया की विविधतापूर्ण जनजातीय संस्कृति संपूर्ण मानव समाज की अनमोल धरोहर है. आधुनिक युग में आदिवासी समाज भी शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान, कला, संस्कृति आदि जीवन के हर क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रहा है. छत्तीसगढ़ जनजातीय बाहुल्य प्रदेश है और यहां की जनजातीय कला और संस्कृति अनूठी है. आदिवासी समुदाय जिस प्रकार प्रकृति से तादात्म्य स्थापित करके अपना जीवन यापन करते हैं, वह अनुकरणीय है. उन्होंने विश्वास जताया है कि प्रदेश और देश को समृद्धि व खुशहाली की राह में ले जाने की दिशा में आदिवासी समाज इसी प्रकार अपनी महत्वपूर्ण सहभागिता देता रहेगा. उन्होंने आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज की निरंतर प्रगति, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है.