नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार सुबह एक बड़ा ऐलान किया. रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर कदम बढ़ा रहा है. इसके तहत 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 स्तंभों अर्थात अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रचर, प्रणाली, जनसांख्यिकी और मांग के आधार पर एक ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए एक स्पष्ट आह्वान किया है. इसके लिए प्रधानमंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के नाम से एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. जिसके तहत रक्षा मंत्रालय ने 101 उपकरणों की एक सूची तैयार की है, जिस पर निश्चित समय के बाद प्रतिबंध लगाया जाएगा. यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है.
Taking cue from that evocation, the Ministry of Defence has prepared a list of 101 items for which there would be an embargo on the import beyond the timeline indicated against them. This is a big step towards self-reliance in defence. #AtmanirbharBharat
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
राजनाथ सिंह ने बताया कि आयात पर बैन को 2020 से लेकर 2024 के बीच लागू करने की योजना है. हमारा उद्देश्य सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के मामले में रक्षा उद्योग को आगे बढ़ाना है ताकि स्वदेशीकरण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके.
The embargo on imports is planned to be progressively implemented between 2020 to 2024. Our aim is to apprise the Indian defence industry about the anticipated requirements of the Armed Forces so that they are better prepared to realise the goal of indigenisation.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि जिन 101 उपकरणों पर बैन लगाया गया है, उनमें सिर्फ छोटे पार्ट्स शामिल नहीं हैं, बल्कि उसमें कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार सिस्टम भी हैं जैसे- आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफलें, कोरवेट, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएच, रडार.
अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर ऐसी सेवाओं की लगभग 260 योजनाओं को त्रि-सेवाओं द्वारा अनुबंधित किया गया था. ऐसा अनुमान है कि अगले 6 से सात 7 के भीतर लगभग 4 लाख करोड़ के अनुबंध घरेलू उद्योग पर रखे जाएंगे.
लगभग 1,30,000 करोड़ रुपये की वस्तुएं सेना और वायु सेना के लिए अनुमानित हैं, जबकि नौसेना के लिए लगभग 1,40,000 करोड़ रुपये की वस्तुओं का अनुमान लगाया गया है.
रक्षा मंत्रालय ने घरेलू और विदेशी पूंजी खरीद मार्गों के बीच 2020-21 के लिए पूंजी खरीद बजट में भी परिवर्तन किया है. चालू वित्त वर्ष में घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए लगभग 52,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक अलग बजट बनाया गया है.