रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीते कुछ दिनों में कोरोना के मामले तेजी बढ़े हैं. ऐसे में वायरस के रोकथाम, नियंत्रण एवं किसी भी आपातकालीन परिस्थिति से निपटने से के लिए एक दल की नियुक्ति की गई है. इस दल का नाम है कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग दल. इस दल में पाँच अधिकारी शामिल हैं. जिसमें तीन सहायक प्राध्यपक भी शामिल है. ट्रेसिंग दल में शामिल अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने अपने काम पर लापरवाही बरती है. इन्हें जो दायित्व दिया गया था उन्होंने उसका सही ढंग से निर्वहन नहीं किया है. लिहाजा अब उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है.
जिन अधिकारियों को नोटिस जारी किया है उनमें- अजय कुमार पाण्डेय, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी, आलोक कुमार शर्मा सहायक प्राध्यापाक, शिक्षा महाविद्यालय, दिनेश कुमार मस्ता सहायक प्राध्यापाक शासकीय दुधाधारी बजरंग महाविद्यालय, कालीबाडी़, डाॅ. हर्ष शर्मा सहायक प्राध्यापक शासकीय नागाअर्जुन महाविद्यालय रायपुर और शेख सलीम नाॅन मेडिकल असिस्टेंट राज्य लेप्रोसी नियंत्रण इकाई शामिल हैं. नोटिस में कहा गया है कि इनका कृत्य सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 का स्पष्ट उल्लंघन है तथा आपके इस कृत्य से आपदा प्रबंधन कार्य में बाधा उत्पन्न हुई है.
कलेक्टर ने इन्हें कारण बताओ नोटिस का जवाब तीन दिवस में इंसिडेन्ट कमान्डर के समक्ष स्वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. नोटिस में यह चेतावनी भी दी गई है कि निर्धारित समयावधि में जवाब प्रस्तुत नहीं करने या प्रस्तुत जवाब संतोषप्रद नहीं होने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 क धारा 51 के अधीन दाण्डिक कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी.
गौरतलब है कि इस दल के सदस्यों को कोरोना वायरस पाॅजेटिव मरीज की जानकारी प्राप्त होने के पश्चात यथाशीघ्र तथा किसी भी दशा में 6 घंटे के भीतर कान्टेक्ट ट्रेसिंग कर हाई रिस्क व्यक्तियों की जांच हेतु सैम्पल लिया जाना है. लेकिन काॅनट्रेक्ट ट्रेसिंग कार्य में ड्यूटी लगने के बाद आज तक इंसिडेंट कमान्डर के समक्ष उपस्थिति नहीं दी गई है और न ही सौंपे गये दायित्व का निर्वहन किया जा रहा है.