मुंबई। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या किए जाने के बाद से दो महीने बाद भी मामला शांत होने की बजाए और संगीन होता जा रहा है. मामले की जांच को लेकर महाराष्ट्र सरकार का रवैया दिख रहा है, और शिवसेना के नेता संजय राउत ने सुशांत के परिवार वालों को विवाद खड़ा करने की कोशिश की है, उससे अब यह मामला पूरी तरह से सियासी रंग ले चुका है. मामले में सुशांत के परिवार वाले भी आक्रामक हो गए हैं.
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में सुशांत के पिता केके सिंह की दूसरी शादी का जिक्र करते हुए कहा है कि सुशांत इस शादी के खिलाफ थे, और इस वजह से पिता के साथ उनके संबंध ठीक नहीं थे. सुशांत के मामा आरसी सिंह ने दूसरी शादी की बात को खारिज किया है. वहीं सुशांत के चचेरे भाई नीरज सिंह संजय राउत को इस पर आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि वे राज्यसभा सांसद और अखबार के संपादक हैं, उन्हें इस तरह के शर्मनाक बयान नहीं देना चाहिए. उन्होंने राउत से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग करते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो वे उनके खिलाफ मानहानि का केस भी दायर करेंगे.
संजय राउत केवल सुशांत के परिवार पर ही लांछन नहीं लगा रहे हैं, उन्होंने बिहार सरकार की सीबीआई जांच की मांग को केंद्र सरकार द्वारा 24 घंटे के भीतर मान लिए जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह राज्य (महाराष्ट्र) की स्वायत्ता पर सीधा हमला है. उन्होंने कहा कि सुशांत का मामला कुछ और समय मुंबई पुलिस के हाथ में रहता तो आसमान नहीं टूट जाता, लेकिन यह राजनीतिक निवेश और दबाव की राजनीति है. संजय राउत का कहना है कि सुशांत प्रकरण की ‘पटकथा’ पहले ही लिखी गई थी.
आखिर क्या है संजय राउत के दर्द की वजह
दरअसल, सुशांत सिंह के आत्महत्या या हत्या के मामले में संजय राउत इसलिए आक्रामक हैं, क्योंकि शिवसेना के युवराज, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम इस मामले में सामने आ रहा है. इस पर संजय राउत स्पष्टीकरण देते हुए कहते हैं कि इस मामले से आदित्य ठाकरे का कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन मामला सीबीआई के हाथ में जाने से अब आदित्य का मामले से लेना-देना है कि नहीं अब वही तय करेगी.