रायपुर। लगातार विवादों में रहने वाला दुग्ध महासंघ भंग हो गया है. अब यहाँ नए सिरे से अध्यक्ष और सदस्यों का चुनाव होगा. महासंघ भंग होने के बाद दुर्ग संभागायुक्त को जिम्मेदारी दे दी गई. जब तक यहाँ पर नए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो जाती है, दुर्ग कमिश्नर ही यहाँ पर प्राधिकृत अधिकारी रहेंगे.
दरअसल बीते दिनों महासंघ के अध्यक्ष रसिक परमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं संचालक सदस्य गणेश साहू, उमा पटेल, दिलीप साहू, सुकांति पटेल, नीलकंठ सिन्हा, सुब्रत मलिक, अरूण ध्रुव को सोसायटी अधिनियम-19 के तहत पद से रिक्त कर दिया गया था.
दुग्घ महासंघ में अध्यक्ष सहित कुल 15 संचालक सदस्य होते हैं. लेकिन अध्यक्ष सहित कुल 8 सदस्य महासंघ से मुक्त हो चुके हैं. लिहाजा 15 में से 8 पद रिक्त हो गए हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम- 43(6) कहता है कि महासंघ को चलाने के लिए 50 प्रतिशत अधिक सदस्यों का होना अनिवार्य है. लिहाजा कोरम 50 प्रतिशत नहीं होने की दशा में महासंघ को भंग कर दिया गया है.
ऐसी स्थिति में पंजीयक सहकारी संस्थाएं हिमांशु शेखर गुप्ता ने महासंघ को भंग करने का आदेश जारी करते हुए दुर्ग संभाग के आयुक्त को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त कर दिया है.