रायपुर। छत्तीसगढ़ दौरे पर आए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आज संघ के बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक ली. इस दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने भी भागवत से मुलाकात की. बैठक के बाद संघ कार्यालय से जो विज्ञाप्ति जारी की गई है, उसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात हुई है. इस पूरे बैठक में भागवत ने आत्मनिर्भर भारत विषय पर जोर दिया है. इस योजना को पीएम मोदी ने कोरोना संकट के बीच लांच किया था. उस योजना का जमीनी स्तर पर काम हो सके, यह सुनिश्चित किया गया.

रायपुर के गोविंद नगर स्थित जागृति मंडल में हुई इस बैठक में समाज के सहयोग से संघ द्वारा चलाएं जा रहे प्रकल्पों पर भी चर्चा हुई. इस कोरोना काल में प्रवासी श्रमिकों के बीच स्वयंसेवक कार्य कर रहे है. सरकार के द्वारा व्यापक स्तर पर प्रवासी श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच जाए, उन सब पर भी चर्चा की गई. खास तौर पर पर्यावरण, स्वदेशी, ग्राम विकास और सामाजिक समरसता विषयों पर संघ ने बैठक में चर्चा की. देश को स्वावलंबी, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सर्वत्र प्रयत्न हो रहे हैं. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है. कुटीर उद्योगों की गुणवत्ता को बल देने की आवश्यकताओं पर चर्चा की गई. अब इन्हीं मुद्दों पर छत्तीसगढ़ में संघ को काम करना होगा. इस दौरान भागवत ने पौधारोपण भी किया.

बैठक के बाद डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि भारत की जलवायु, भारत की भूमि, भारत की मान्यताएं, भारत की परंपराएं, भारत का सामर्थ्य इतना है कि यदि हम सब संकल्प लेंगे, तो भारत को आत्मनिर्भर बनाने में कोई कठिनाई नहीं है. देश के स्वाभिमान, देश के स्वावलंबन इस प्रकार हम सब इसका विचार करते हुए अपना देश आत्मनिर्भर बनने के लिए मैं एक व्यक्ति के नाते, हम एक समूह के नाते हमारी जो जिम्मेदारियां है, उसका हम पालन करेंगे. आत्मनिर्भर बनाने में हम अपना व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन में जितना आवश्यक बातों को अंगीकार करेंगे, तो यह देश एक बार फिर विश्व के सामने सही दिशा में चलने विश्व को प्रेरित करने वाला रहेगा.

जानकारी के मुताबिक बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार की ‘गोधन न्याय योजना’ को लेकर भी चर्चा हुई है. संघ की ओर से इस योजना की जानकारी भागवत को दी गई थी. बीते दिनों संघ के लोगों ने इस योजना की तारीफ करते हुए सीएम भूपेश से मुलाकात की थी और कहा था कि गौ संरक्षण को लेकर यह अच्छी योजना साबित होगी. इसका बेहतर तरीके से क्रियांवयन जरुरी है.