दिल्ली। पिता के बारे में जितना कहें उतना ही कम है। ऐसे ही एक पिता ने मध्यप्रदेश में पूरी दुनिया के सामने मिसाल कायम कर दी है। इस पिता के हर जगह चर्चे हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश के धार जिले में एक पिता ने अपने बेटे को 10वीं कक्षा की पूरक परीक्षा दिलवाने के लिए 105 किलोमीटर का सफर रातभर में आठ घंटे साइकिल चलाकर तय कर डाला। 46 साल के शोभाराम परिहार सोमवार रात को अपने गांव धार जिले के बयड़ीपुरा से निकले और बेटे की परीक्षा के लिए तय समय से ठीक पहले मंगलवार सुबह अपने बेटे आयुष को लेकर धार जिले के ही भोज कन्या स्कूल पहुंच गए। शोभाराम की ये लगन और बेटे को कुछ बनाने की लालसा के लिए किया गया त्याग हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है।
गौरतलब है कि शोभाराम खुद अशिक्षित हैं लेकिन वो बेटे की इच्छा के मुताबिक उसे अधिकारी बनाने के लिए हर त्याग करने को तैयार हैं। दरअसल, कोरोना के चलते मध्य प्रदेश में बसों एवं अन्य सार्वजनिक वाहनों का परिचालन बंद है। इस कारण शोभाराम अपने जज्बे के दम पर सोमवार रात 105 किमी लंबे सफर पर निकल पड़े। जिस साइकिल से सफर किया वह भी बेटे आयुष परिहार को कक्षा नौवीं में सरकारी योजना के तहत मिली थी। अब आयुष का 24 अगस्त को एक पेपर और होना है और तब तक शोभाराम एक टीनशेड के नीचे रहकर बेटे को परीक्षा दिलाएंगे। एक पिता का जज्बा इस समय सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।