रायपुर। सौभाग्यवती महिलाओं का शुभ सुहाग पर्व है हरतालिका तीज. यह त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. तीज की तिथि माता पार्वती की मानी गई है. हरियाली तीज, गणगौर तीज, कजली तीज, सातुड़ी तीज की तरह हरतालिका तीज भी बड़ी तीज होती है. इस व्रत के प्रताप से अखंड सौभाग्य की शुभ प्राप्ति होती है. इस वर्ष यह व्रत 21 अगस्त 2020 को है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम के वक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. कुछ जगहों पर इस व्रत को कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए भी रखती हैं.

इस व्रत का नाम हरतालिका क्यों ?

मां पार्वती ने भगवान शिवजी को वर रूप में प्राप्त करने के लिए घोर वन में तप किया व बालू के शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जिससे प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें वर दिया. बाद में राजा हिमालय (पर्वत) ने भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह कराया. माता ने जब यह व्रत किया था, तब भाद्रपद की तीज तिथि थी व हस्त नक्षत्र था. उन्हें स्वयं शिवजी पति रूप में प्राप्त हुए.

हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त

सुबह 5 बजकर 54 मिनट से सुबह 8:30 मिनट तक. शाम को हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त, शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक. तृतीया तिथि प्रारंभ- 21 अगस्त की रात रात 2 बजकर 13 मिनट से, तृतीया तिथि समाप्त- 22 अगस्त रात 11 बजकर 2 मिनट तक.

पूजा विधि

  • सबसे पहले महिलाएं किसी बगीचे या मंदिर में एकत्रित होकर मां पार्वती की प्रतिमा को रेशमी वस्त्र और गहनों से सजाएं. कोरोना की वजह से बाहर जाना संभव नहीं है तो यह विधान घर के आंगन में ही करें.
  • अर्द्ध गोले का आकार बनाकर माता की मूर्ति बीच में रखें और माता की पूजा करें.
  • सभी महिलाओं में से एक महिला कथा सुनाएं, बाकी सभी कथा को ध्यान से सुनें व मन में पति का ध्यान करें और पति की लंबी उम्र की कामना करें.
  • इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी सास के पांव छूकर उन्हें सुहागी देती हैं. सास न हो तो जेठानी या घर की बुजुर्ग महिला को देती हैं.
  • कुछ जगहों पर महिलाएं माता पार्वती की पूजा करने के पश्चात लाल मिट्टी से नहाती हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से महिलाएं पूरी तरह से शुद्ध हो जाती हैं.
  • अनेक स्थानों पर तीज के दिन मेले लगते हैं और मां पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है. दिन के अंत में वे खुशी से नाचे-गाएं और झूला झूलें.
  • माता पार्वती से अपने सुहाग को दीर्घायु देने के लिए सच्चे मन से शिव-पार्वती की आराधना करके इस त्योहार को मनाएं.
  • इस त्योहार को पार्वती सौभाग्य मंत्र का जाप करना फलदायक होता है.

पार्वती सौभाग्य मंत्र

हे गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।

यह मंत्र सौभाग्यवती स्त्रियों का सुहाग अखंड रखता है और अविवाहित कन्याओं के शीघ्र विवाह का योग बनाता है।

कथा

हरतालिका तीज व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। हिमालय पर गंगा नदी के तट पर माता पार्वती ने भूखे-प्यासे रहकर तपस्या की। माता पार्वती की यह स्थिति देखकप उनके पिता हिमालय बेहद दुखी हुए। एक दिन महर्षि नारद भगवान विष्णु की ओर से पार्वती जी के विवाह का प्रस्ताव लेकर आए लेकिन जब माता पार्वती को इस बात का पता चला तो, वे विलाप करने लगी।

एक सखी के पूछने पर उन्होंने बताया कि, वे भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप कर रही हैं। इसके बाद अपनी सखी की सलाह पर माता पार्वती वन में चली गई और भगवान शिव की आराधना में लीन हो गई। इस दौरान भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन हस्त नक्षत्र में माता पार्वती ने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया और भोलेनाथ की आराधना में मग्न होकर रात्रि जागरण किया।

माता पार्वती के कठोर तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वती जी की इच्छानुसार उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से अच्छे पति की कामना और पति की दीर्घायु के लिए कुंवारी कन्या और सौभाग्यवती स्त्रियां हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

हरतालिका पर कैसे करें शिव आराधना

मेष : ‘ॐ शिवाय नम:’ का जप करें व सेबफल चढ़ाएं।
वृषभ : ‘ॐ हवि नम:’ का जप करें व दूध की मिठाई चढ़ाएं।
मिथुन : ‘ॐ अनघ नम:’ का जप करें व शहद चढ़ाएं।
कर्क : ‘ॐ तारक नम:’ का जप करें व मिश्री चढ़ाएं।
सिंह : ‘ॐ कपाली नम:’ का जप करें व अनार चढ़ाएं।
कन्या : ‘ॐ वामदेव नम:’ का जप करें व घी चढ़ाएं।
तुला : ‘ॐ श्रीकंठ नम:’ का जप करें व दही चढ़ाएं।
वृश्चिक : ‘ॐ अज नम:’ का जप करें व मौसंबी चढ़ाएं।
धनु : ‘ॐ शितिकंठ नम:’ का जप करें व केला चढ़ाएं।
मकर : ‘ॐ मृगपाणी नम:’ का जप करें व नाशपाती चढ़ाएं।
कुम्भ : ‘ॐ अव्यय नम:’ का जप करें व नारियल चढ़ाएं।
मीन : ‘ॐ महादेवाय नम:’ का जप करें व चीकू चढ़ाएं।

संजय चौधरी श्री फलित ज्योतिष रायपुर 9977567475