रायपुर- कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के पहले नए नेतृत्व और बड़े स्तर पर बदलाव की मांग को लेकर 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री औऱ बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅक्टर रमन सिंह ने निशाना साधा है. एक ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी अब समझ गए हैं कि ‘गांधी परिवार’ के काम चलाऊ नेतृत्व से पार्टी का काम नहीं चलेगा. इधर कांग्रेस ने रमन की इस टिप्पणी पर पलटवार किया है.

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅक्टर रमन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार में प्रकाशित खबर टैग करते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि देश की आजादी के दिन कई नेताओं ने पत्र लिखकर कांग्रेस अध्यक्ष पद को ‘गांधी परिवार’ से आजाद करने की मांग की है. उन्होंने सवाल उठाते हुए लिखा कि, देखते हैं आजादी मिलेगी या नहीं?
बता दें कि 23 नेताओं के हस्ताक्षर से सोनिया गांधी को भेजी गई चिट्ठी के जरिए नेताओं ने एक पूर्णकालिक और प्रभारी नेतृत्व की मांग की है. चिट्ठी में यह लिखा गया है कि बीजेपी लगातार आगे बढ़ रही है. पिछले चुनाव में युवाओं ने निर्णायक रूप से नरेंद्र मोदी को वोट दिया. पार्टी की ओर से युवाओं में विश्वास खोना एक चिंता का विषय है. पार्टी का बेस सपोर्ट कम हुआ है. नेताओं ने कहा है कि लोकतंत्र की सेहत के लिए पार्टी का मजबूत रहना बहुत जरूरी है. इस चिट्ठी में हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर जैसे कई बड़े नेता और वर्किंग कमेटी के सदस्य शामिल हैं.
रमन की टिप्पणी पर कांग्रेस का जवाबी हमला
इधर गांधी परिवार पर निशाना साधने वाले रमन सिंह के बयान पर कांग्रेस ने जवाबी हमला बोला. पीसीसी के मीडिया विभाग के चेयरमेन और पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार के गौरवशाली बलिदानों की परंपरा रही है. स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक गांधी-नेहरू परिवार ने बहुत बड़ा त्याग किया है. देश के लिए बलिदान दिए हैं. नेहरू-गांधी परिवार के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं. पूरी आस्था है.त्रिवेदी ने कहा कि  दरअसल भाजपा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नाम से नेतृत्व से भयभीत रहते हैं. इस सशक्त नेतृत्व से छुटकारा पाने के लिए साजिशों में लगे रहते हैं. यह नेतृत्व ही उनके लिए खतरा है, लेकिन बिल्ली के भाग्य से कोई छींका नहीं टूटने वाला. मैं रमन सिंह को आश्वस्त करता हूं कि कोई भी घुसखोर और तड़ीपार हमारी पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनेगा.