रायपुर। महज 18 महीने के कार्यकाल में भूपेश सरकार ने कई मोर्चे पर छत्तीसगढ़ को नंबर वन राज्य बना दिया है. राज्य की झोली में भूपेश बघेल के नेृत्तव वाली टीम ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि कोरोना के इस संकट काल में भी छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों के लिए मॉडल राज्य बनकर उभरा है. देश के कई राज्यों में जहाँ कोरोना संकट के बाद हालत खराब है तो वहीं छत्तीसगढ़ी कामयाबी का कीर्तिमान रच रहा है. फिर यह कामयाबी घर लौटे मजदूरों को मनरेगा में सर्वाधिक दिनों तक काम देने का हो या फिर तेंदूपत्ता संग्राहकों से रिकॉर्ड वनोपज खरीदी और भुगतान का. इसके साथ ही किसानों के साथ न्याय की बात हो या फिर गो-धन खरीदी की शुरुआत हो. तमाम जगहों पर भूपेश सरकार ने सकारात्मक सोच और दूर-दृष्टि के साथ बेहतरीन काम किया है. लेकिन जिस काम की चर्चा हम यहाँ पर कर रहे वह है राज्य को साफ-सुथरा और स्वच्छ बनाने का. मतलब स्वच्छता के मामले में भी भूपेश सरकार ने लाजवाब काम करके छत्तीसगढ़ को स्वच्छ राज्य बना दिया है.
दरअसल भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में छत्तीसगढ़ लंबी छलांग लगाते हुए बाजी मार ली है. प्रदेश ने देश के बड़े राज्यों को पछाड़ते हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में फिर से एक बार देश के स्वच्छतम राज्य होने का दर्जा प्राप्त किया है. केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित वर्चुअल ऑनलाइन पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री आवास से केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी के हाथों यह पुरस्कार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने प्राप्त किया.
एक साथ 14 राष्ट्रीय पुरस्कार
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में बतौर राज्य छत्तीसगढ़ ने तो उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, इसके साथ ही प्रदेश के छोटे-बड़े अनेक शहरों ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है. पाटन नगर पंचायत को 25 हजार से कम जनसंख्या श्रेणी में देश का स्वच्छ शहर होने का दर्जा मिला है. इसी प्रकार जशपुरनगर को 25 से 50 हजार की जनसंख्या, धमतरी को 50 हजार से 01 लाख की जनसंख्या एवं अंबिकापुर को 01 से 10 लाख जनसंख्या श्रेणी में सबसे स्वच्छ शहरों का दर्जा प्राप्त हुआ है.
साथ ही प्रदेश के 10 अन्य शहरों में भिलाई का रैंक 34, 50 हजार से 01 लाख की जनसंख्या में भिलाई-चरोदा रैंक-02, चिरमिरी रैंक-03, बीरगांव रैंक-04, 25 से 50 हजार की जनसंख्या में कवर्धा का रैंक-02, चांपा रैंक-05, अकलतरा रैंक-74, 25 हजार से कम जनसंख्या श्रेणी में नरहरपुर रैंक-02 सारागांव रैंक-03 एवं पिपरिया रैंक-04 को भी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं.
प्रदेश को स्वच्छता में नंबर वन बनाने के लिए सबसे पहले सभी शहरों में कार्यरत स्वच्छता दीदियो, स्वच्छता कमांडो, अधिकारियों और कर्मचारियों का अभूतपूर्व योगदान रहा. इसके साथ ही इस बार जनभागीदारी द्वारा छत्तीसगढ़ की जनता ने भी सर्वेक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई.
इन योजनाओं के बेहतर क्रियान्वनय से मिली सफलता
कोई भी सरकारी योजना बुरी नहीं होती, बुरा तभी होता है जब उसका क्रियान्वयन बेहतर ढंग से न होगा. स्वच्छता के मामले में जिस तरह छत्तीसगढ़ को सफलता मिली है उस मामले में कहा जा सकता है कि राज्य में योजनाओं का क्रियान्वनय बेहतर ढंग से हुआ है. वैसे भी जब राज्य का नेतृत्व एक सजग मुखिया और जमीनी नेता के हाथों हो तो सवाल ही नहीं है कि योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई गड़बड़ी हो. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ को जो तमगा नंबर का हासिल उसमें में राज्य सरकार की ओर चलाई जा रही है योजनाएं
जैसे- मिशन क्लीन सिटी, स्वच्छता श्रृंगार, सुविधा 24, एफएसटीपी प्रबंधन, निदान-1100 का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इन योजनाओं के जन-जन तक व्यापक प्रचार-प्रसार और जन-जागरुकता से देश में प्रदेश का नाम रौशन हो सका है. स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 पिछले स्वच्छ सर्वेक्षणों से कई मायनों में अलग था. इस बार स्वच्छता की परीक्षा हेतु 6000 अंक निर्धारित किए गए थे, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश के स्वछतम राज्य का तमगा एक बार फिर हासिल किया है.
छत्तीसगढ़ के सभी शहर ओडीएफ डबल प्लस की श्रेणी में
आपको यह भी बता दें कि छत्तीसगढ़ पूरे देश में ओडीएफ डबल प्लस का खिताब भी मिला है. दरअसल भारत सरकार की ओर से
छत्तीसगढ़ का ओडीएफ प्लस प्लस का सर्वे किया गया. ओडीएफ प्लस प्लस के पश्चात पूरे छत्तीसगढ़ का गार्बेज फ्री सिटी (स्टार रेटिंग) तथा स्वच्छ सर्वेक्षण का सर्वे किया गया. सर्वे के बाद भारत सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ को ओडीएफ प्लस प्लस प्रदेश घोषित किया गया. पूरे भारत में ओडीएफ प्लस+प्लस होने वाला छत्तीसगढ़ सबसे पहला प्रदेश बना. गार्बेज फ्री सिटी (स्टार रेटिंग) मे भी छत्तीसगढ़ ने बाजी मारी है. भारत सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के एक शहर अंबिकापुर को 5 स्टार शहर का दर्जा एवं 9 शहरों को 3 स्टार तथा 5 शहरों को 1 स्टार का शहर दर्जा दिया गया.
गोधन न्याय योजना ‘वेस्ट टू वेल्थ‘ का अच्छा कमर्शियल मॉडल- हरदीप सिंह पुरी
कोरोना के चलते ऑनलाइन आयोजित स्वच्छता राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने भूपेश सरकार की जमकर सराहना की. उन्होंने स्वच्छता के लिए मिले 14 राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए तो बधाई दी है, साथ ही उन्होंने भूपेश सरकार गो-धन न्याय योजना की जमकर तारीफ भी की. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना ‘वेस्ट टू वेल्थ‘ का अच्छा कमर्शियल मॉडल है. अन्य राज्यों के लिए यह योजना अनुकरणीय है.
केंद्रीय मंत्री को मुख्यमंत्री दी पूरी जानकारी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि हमारी कोशिश होगी कि अगले साल भी छत्तीसगढ़ स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम स्थान पर रहें. उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में कचरे से खाद बनाई जा रही है. दो रूपए प्रति किलो की दर पर खरीदी कर इससे वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा रहा है. गांव और शहरों में गोबर से होने वाली गंदगी पर रोक लगी है. गांव और शहर और अधिक स्वच्छ हुए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी यह योजना लागू की गई है. राज्य के शहरी क्षेत्रों में स्थापित 377 गोबर खरीदी केन्द्रों में गोबर खरीदी की जा रही है. इस योजना से लोगों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है.
भूपेश सरकार : स्वच्छता सार
◆ स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 – ओडीएफ एवं गार्बेज फ्री सिटी के साथ पूरे छत्तीसगढ़ ने स्वच्छ सर्वेक्षण में जमकर प्रदर्शन किया – छत्तीसगढ़ ने इस महा मुकाबले में ऐसे की तैयारी –
◆ शत प्रतिशत घर-घर कचरा संग्रहण – पूरे छत्तीसगढ़ के 166 निकायों के द्वारा प्रत्येक घरों से प्रतिदिन कचरा संग्रहण का कार्य किया जाता है इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 100 अंक निर्धारित किये गये थे.
◆ सूखा-गीला कचरा घर से ही अलग अलग कर लेना – समस्त 166 निकायों के द्वारा घर से ही कचरा अलग-अलग कर उठा कर प्रोसेसिंग प्लांट तक ले जाया जाता है। इस हेतु भारत सरकार के द्वारा 125 अंक निर्धारित किए गए थे.
◆ ऑनलाइन पद्धति से मॉनिटरिंग – पूरे 166 निकायों में काम कर रहे घर-घर कचरा संग्रहण करने वाले वाहन और समस्त स्वच्छता दीदियों, सफाई मित्रों का ऑनलाइन पद्धति से मॉनिटरिंग किया जाता है, इस कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा 40 अंक निर्धारित किए गए थे.
◆ वेस्ट पिकर- छत्तीसगढ़ के द्वारा जगह-जगह पर कबाड़ बीनने वालों को निकाय के मिशन क्लीन सिटी योजना में शामिल कर रोजगार दिया गया. योजना में शामिल समस्त वेस्ट पिकर्स को राशन कार्ड, आधार कार्ड व लाइफ इंश्योरेंस एवं अन्य सरकारी लाभ से जोड़ा गया इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 65 अंक निर्धारित किए गए थे.
◆ दिन में दो बार झाड़ू लगाना – समस्त 166 निकायों में प्रतिदिन दो बार सुबह एवं रात्रि कालीन झाड़ू लगाने का कार्य किया जाता है। इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 50 अंक निर्धारित किए गए थे.
◆ प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट – पूरे 166 निकायों मे प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्लास्टिक उपयोग करने पर निकायों द्वारा समय-समय पर जुर्माना किया गया है. प्लास्टिक जब्ती का कार्य जोरों से किया है इस कार्य हेतु 30 अंक निर्धारित किए गए थे.
◆ 3 आर प्रिंसिपल रेड्यूस, री-यूज एण्ड रिसाइकल – समस्त 166 निकायों के द्वारा रेड्यूस, री-यूज, रिसाइकल के लिए नेकी की दीवार, बर्तन बैंक, फूड बैग, होम कंपोस्टिंग जैसे अभिनव कार्य किए। इस कार्य हेतु 50 अंक निर्धारित थे.
◆ घरों से निकलने वाले कचरे का शत प्रतिशत निपटान – समस्त 166 निकायों के द्वारा घर-घर कचरा संग्रहण से प्राप्त होने वाले कचरे का शत-प्रतिशत निपटान एसएलआरएम सेंटर में ले जाकर किया जाता है। इस कार्य हेतु कुल 380 अंक निर्धारित थे.
◆ कन्स्ट्रक्शन एण्ड डिमोलिशन वेस्ट का निपटान – घरों से निकलने वाले मलबे का निपटान समस्त 166 निकायों के द्वारा शत प्रतिशत किया जाता है निकायों द्वारा सी एण्ड डी वेस्ट से पेवर ब्लॉक, गमले, ईंटे आदि बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य हेतु 50 अंक निर्धारित थे.
◆ सुविधा 24 शौचालय- समस्त 166 निकायों में नागरिकों के सुविधा हेतु जगह-जगह पर सामुदायिक सह सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया गया है. शौचालयों से निकलने वाले मल का उपचार शत-प्रतिशत वैज्ञानिक पद्धति से किया जाता है. निकलने वाले मल को डि-सलॉजिंग वाहन के माध्यम से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट/फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट ले जाकर उसका शत प्रतिशत ट्रीटमेंट किया जाता है। इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 500 अंक निर्धारित किए गए थे.
◆ व्यवहार परिवर्तन एवम प्रचार प्रसार – सभी निकायों के द्वारा अपने – अपने निकाय स्तर पर मोहल्लों, अस्पतालों, बाजारों, शासकीय भवन, हॉस्पिटल, स्कूल, होटल के मध्य स्वच्छता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. निकाय द्वारा समय-समय पर सफाई अभियान चलाया गया. नागरिकों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह पर स्वच्छता संबंधित वॉल पेंटिंग कराया गया.
स्वच्छता संबंधी बैनर पोस्टर लगाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 160 अंक निर्धारित किए गए थे.
◆ क्षमता विकास- समस्त निकायों के द्वारा जेम पोर्टल के माध्यम से सफाई से संबंधित समान का ऑनलाइन माध्यम से क्रय किया जाता है. समस्त निकायों द्वारा निकाय स्तर पर सभी मोहल्ले, आवासी क्षेत्र में कचरा की मात्रा को कम करने हेतु लगातार अभिनव कार्य जैसे होम कंपोस्टिंग, नेकी की दीवार, बर्तन बैंक का कार्य किया जा रहा है. इस कार्य हेतु भारत सरकार के द्वारा 60 अंक निर्धारित किए गए थे.
◆ नवाचार एवम अभिनव प्रयास – समस्त निकायों द्वारा तथा नागरिकों के द्वारा स्वच्छता विषय पर अलग-अलग अभिनव पहल की गयी। यह अभिनव पहल निकाय व निकाय के नागरिकों के द्वारा लगातार किये जा रहे हैं. इस कार्य हेतु कुल 80 अंक निर्धारित किए गए थे.
◆ स्वच्छता ऐप – समस्त नगरीय निकायों के द्वारा स्वच्छता ऐप पर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का निराकरण शत-प्रतिशत समय सीमा के अंदर किया जाता है. स्वच्छता एप में प्राप्त होने वाली शिकायत के निराकरण हेतु भारत सरकार के द्वारा कुल 400 अंक निर्धारित किए गए थे.
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में कुल 6000 अंक निर्धारित किए गए थे। इस 6000 अंक हेतु कुल 6 कैटेगरी निर्धारित किये गये थे, जिसका विवरण निम्नानुसार है –
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डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के लिए 1500 अंक.
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सिटीजन फीडबैक हेतु 1500 अंक.
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सर्टिफिकेशन के लिए 1500 अंक- जिसमे गार्बेज फ्री सिटी के लिए 1000 अंक व ओडीएफ प्लस प्लस हेतु 500 अंक निर्धारित थे.
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सर्विस लेवल प्रोसेस के लिए 1300 अंक व स्वच्छ सर्वेक्षण लीग हेतु 200 अंक निर्धारित किए गए थे.