सुप्रिया पांडेय, रायपुर। कोरोना महामारी के चलते राजधानी के डीजे, धुमाल, कैटरिंग, घोड़ी व बग्गी वाले पिछले 5 महीने से बेरोजगार है. अनलॉक में कई उद्योगों व व्यवसाय को छूट दी गई. लेकिन इन लोगों को कोई छूट नहीं दी गई. जिसके चलते इनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. सरकार की बेरूखी से परेशान होकर आज ये लोग मौन पदयात्रा निकालेंगे. इन लोगों का कहना है कि शराब दुकान में भीड़ देखी जा रही है, लेकिन वहां कोरोना नहीं फैलेगा, लेकिन हमारे व्यवसाय से फैल जाएगा. ये तो हमारे साथ नाइंसाफी है. उन्होंने चेतावनी दी है कि हमारी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो परिवार वालों को भी इस रैली में शामिल करेंगे. फिर भी नहीं मानें तो भूख हड़ताल करने पर हम मजबूर होंगे.

चंदू धुमाल के संचालक चंद्रशेखर कौशिक ने बताया कि आज हमारे द्वारा पैदल यात्रा निकाली जाएगी. पिछले छह महीने से हमारा कारोबार बंद पड़ा हुआ है. प्रशासन हमारी तरफ ध्यान नहीं दे रही है. कलेक्टर के पास हम तीन से चार बार ज्ञापन दे चुके हैं. महापौर के पास भी ज्ञापन सौंपने के लिए गए थे. बस सभी आश्वासन ही दे रहे हैं और हमारा काम शुरू नहीं हो रहा है. छत्तीसगढ़ से करीब डेढ़ सौ पार्टियां जुड़ी हुई है और सभी जिलों से लाइट, बैंड, धुमाल, किराया भंडार, घोड़ी वाले, हलवाई भी शामिल हैं. हम चाहते हैं कि जिस तरीके से 25 आदमी पहले काम कर रहे थे तो अब हम लोगों को 15 आदमियों का ही काम मिल जाए. उसे भी हम करने के लिए तैयार है हमें कुछ भी काम दे दीजिए, हम चार-पांच महीने से बैठे हमारे पास बिल्कुल भी रोजगार नहीं है.  हमारा गाड़ी का किस्त नहीं पता है. हमारे पास फाइनेंसर फोन कर रहे हैं क्या करें क्या नहीं करें कुछ समझ नहीं आ रहा है.

एसके लाइट संचालक नंद कुमार साहू ने बताया कि महीनों से हमारा काम बंद है. हम इतने मजबूर हो चुके हैं कि आज हम अपने परिवार को चलाने में असमर्थ हो चुके हैं, जिस तरीके से शराब दुकानों को खोला गया है वहां इतना भीड़ हो रहा है, इससे वहां भी कोरोना फैल सकता है. लेकिन उसके बाद भी उसे चालू रखा गया है. हमें भी कम से कम लाइट वालों को भी 10 आदमी का परमिशन दे देते हैं तो हमारी दूरी ऐसी होती कि 10 फीट की दूरी में हम रहते हैं जिसमें कोरोना फैलने का कोई चांस नहीं है. कहीं भी चले जाओ व्यापार में, हर जगह भीड़ दिख रही है, लेकिन लाइट, डीजे, घोड़ी वाले इतने दूर होते है कि कोरोना फैलने का कोई चांस नहीं है. गवर्नमेंट को किसी भी तरह की समस्या नहीं होना चाहिए जिस तरीके से शादी में शामिल होने के लिए 50 लोगों की अनुमति दी गई है. उसी तरीके से हमें भी जोड़ दीजिए. यदि सरकार हमारी बात नहीं सुनती तो हम अपने पूरे परिवार को रैली में लाकर खड़े करेंगे और हमें मजबूरी में भूख हड़ताल करना पड़ेगा.