रायपुर। डॉ पवन अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में कहा की जीवन में केवल दो रास्ते है या तो खुद को सिस्टम के अनुरूप ढाल लो और उनके रंग में रंग जाओ अन्यथा सिस्टम को बदल डालने की हिम्मत करो और आगे बढ़ो। जीवन में कठिन परिश्रम का कोई दूसरा विकल्प नहीं होता है। उन्होंने कहा की जो लोग भाग्य के भरोसे खुद की पहचान ढूढ़ने की कोशिश कर रहे होते है वह सफलता मिलेगी की नहीं इस बात की गारंटी नहीं है लेकिन कठिन परिश्रम आपके भाग्य में परिवर्तन कर आपको पहचान जरूर देगा इस बात में कोई शक नहीं है।

डॉ पवन अग्रवाल मैट्स स्कूल ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के ” आई टी उद्द्यमिता २०२० ” के कार्यक्रम में ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से मुंबई से जुड़े थे। उन्होंने अपने सेशन में मुंबई डब्बावालो द्वारा अपने निरंतर १०० से भी ज्यादा वर्षो के कठिन परिश्रम से उनके द्वारा ग्राहकों के संतुष्ट सेवाएं देने के कारण सिक्स सिग्मा सर्टिफिकेट प्रदान किया गया, का उदाहरण देते हुए सतत और कठिन परिश्रम की सार्थकता को समझाया। उन्होंने बताया की आपका काम ऐसा होना चाहिए की लोग आपकी उपस्थिति में भले आपको याद करे ना करे लेकिन आपकी अनुपस्थिति में लोग आपको याद करने चाहिए। यही आपकी असली पहचान है। ईश्वर पर विश्वास रखिये और वो आपको हर कदम पर मदद करेंगे। उन्होंने कई उदहारण दिए और समझाया की कैसे वैल्यू एडेड सर्विस आपकी अलग उपस्थिति दर्ज कराती है। उन्होंने टीचर्स एंड स्टूडेंट्स को खासा ध्यान में रखते हुए कहा के स्टूडेंट्स को भले पता न हो उसे क्या करना है पर टीचर्स को पता होना चाहिये के उन्हें क्या बताना है। उन्होंने सभी को निरुत्साहित ना होते हुए जीवन में आगे बढ़ने और निरंतर प्रयास करते रहने के लिए प्रेरित किया।

इसी कड़ी में जुड़े मोशीन कुरैशी जो की एक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट है ने बताया के कैसे आईटी आज हमारे जीवन में सम्मिलित है। उन्होंने बताया के आई टी जीवन के ७०% क्रियाकल्पो में सम्मिलित है कैसे हम अपने जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यो के लिए मोबाइल पर , अपने एंटरटेनमेंट के लिए इंटरनेट पर और अन्य कार्यो के लिए आई टी पर निर्भर है। उन्होंने कहा के सभी स्टूडेंट्स को स्ट्रेस से दूर रहना चाहिए और अपने रूचि के अनुसार एकाग्रचित होकर उस विषय में कार्य करना चाहिए। तभी वो सफलता पा सकते है। मोशीन ने आई टी के क्षेत्र में आई नई तकनीकों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी उन्होंने हाइब्रिड एप्लीकेशन, फ्रंट एन्ड बैक एन्ड , इंटरनेट ऑफ़ थिंग्सस, साइबर सिक्योरिटी पर छात्रों और शिक्षकों के पूछे गए सवालों का जवाब भी दिया। उन्होंने कहा के अपने अंदर की प्रतिभा और जिज्ञासा को समझे और उसके अनुरूप विषय का चयन करके आगे बढे, चयन करते वक़्त मार्केट एनालिसिस अवश्य कर ले और अपनी पूरी दृंढता के साथ आगे बढे।

डॉ दीपिका ढांड जो की विश्वविद्यलाय की प्रो वाईस चांसलर है उन्होंने आए टी की उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया की क्यों स्टार्टउप आइडियाज शुरू तोह होते है लेकिन समय के साथ वो धीमे होकर बांध हो जाते है। उन्होंने ने माइक्रोसॉफ्ट और अन्य कई कंपनियों के उदाहरण देते हुए बताया की कैसे हम बदलते हुए समय की जरूरतों को समझे और जीवन में आगे बढे।

आई टी उद्द्यमिता २०२० का आज पहला सत्र था। इसके आगामी दो सत्र ३० अगस्त और ५ सितम्बर को होने बाकी है जिसमे अंतराष्ट्रीय स्तर के स्पीकर्स सम्मिलित होंगे और अपने व्यूज साझा करेंगे। मैट्स विश्वविद्यालय के प्रबंधन ने हर्ष व्यक्त किया और आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रम की निरंतरता को बनाये रखने का आश्वाशन दिया। डॉ रीता दीवानजी, विभागाध्यक्षा ने सत्र के अंत में सभी का आभार व्यक्त किया और आगे आने वाले सत्रों की जानकारी दी। इस सत्र का ऑनलाइन प्रसारण यूट्यूब,फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट लाइव पर मैट्स स्कूल ऑफ़ आई टी के आधिकारिक पृष्ठ पर किया गया।