वैभव बेमेतरिहा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक तरफ सरकार राज्योत्सव की तैयारी में है, तो दूसरी तरफ किसान मोर्चा विरोध की तैयारी में है. कांग्रेस ने भी राज्योत्सव का विरोध किया है. सवाल ये उठाए जा रहे हैं कि सूखे की मार झेल रहे प्रदेश में बाद 5 दिन का महा जश्न क्यों ?  क्या हुआ अगर छत्तीसगढ़ में जश्न मनाया जा रहा है?  क्या हुआ अगर छत्तीसगढ़ में सूखा पड़ा है?  क्या हुआ अगर किसान आत्महत्या कर रहे हैं ?  क्या हुआ जो किसान विरोध करने लगे हैं?  क्या हुआ जो कांग्रेस निंदा पर उतर आई है?  क्या हुआ जो किसान मोर्चा बहिष्कार कर रहा है ?  और क्या हुआ जो सरकार राज्य स्थापना दिवस को भव्य तरीके मना रही है ?  उत्सव ही तो है करोड़ों खर्च अगर हो रहा, तो इसमें बहिष्कार क्यों, क्यों किसान मोर्चा किसानों की हित में उत्सव को सादगी से मनाने की बात कह रहा है ?

किसान मोर्चा के नेता जागेश्वर प्रसाद का कहना है कि सादगी के साथ सरकार को उत्सव मनाना चाहिए. जहां 15 करोड़ की अधिक राशि का भुगतान कलाकारों नहीं, जहां किसानों के कर्ज माफी नहीं हुई, जहां फसल बीमा का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा वहां करो़ड़ों खर्च कर उत्सव क्यों ?

मतलब ये कि किसान मोर्चा चाहता है कि सरकार अपने विकास जश्न भी ना मनाए और विपक्ष को भी लगता है कि सरकार करोड़ों खर्च कर अपनी उपलब्धि ना गिनाएं ?  बहिष्कार के बाद लीजिए निंदा भी हो गई.  कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा ने सरकार के करोड़ों खर्च मनाए जाने वाले उत्सव की कड़ी आलोचना की है. कांग्रेस नेता ने निंदा करते हुए कि प्रदेश में सूखा की मार झेल रहे किसानों को राहत नहीं मिल रही है, बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा, बस्तर के माओवादी हिंसा नहीं थम रहे, प्रदेश में विकास भ्रष्टाचार के रास्ते हो रही है. ऐसे स्थिति में करोड़ों खर्च कर उत्सव किसके लिए मनाया जा रहा है?

लीजिए उत्सव से पहले गजब का ये ऐलान हो गया. निंदा भी हो गई और बहिष्कार भी. अब ये भी जान लीजिए कि छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2017 में होने क्या वाला है.  दरअसल नया रायपुर के विशाल परिसर में 5 दिनों का महाउत्सव मनाया जाएगा. राष्ट्रपति से लेकर उपराष्ट्रपति आ रहे हैं. सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की विशाल झांकियां लगेगी. फिल्मी गानों पर सुखविंदर से केके तक समा बांधेंगे. इसके साथ ही जश्न-ए-महफ़िल में और भी बहुत कुछ खास होगा.