रायपुर। विधानसभा में मानसून सत्र के चौथे दिन विपक्ष ने प्रदेश में यूरिया की किल्लत के साथ घटिया खाद और अमानक बीज की आपूर्ति का मुद्दा उठाते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किया. कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने विपक्ष के आरोप को निराधार प्रस्ताव को ग्राह्य नहीं करने की बात कही. आसंदी के स्थगन प्रस्ताव को ग्राह्य नहीं किए जाने पर विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया.

प्रदेश में खाद बीज की कमी को लेकर विपक्ष ने लाया स्थगन. वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल- बोले पूरे प्रदेश में खाद बीज की कमी हो चुकी है. लोगों को समय पर यूरिया नहीं मिल पा रहा है. 55000 से ज्यादा लोगों का केसीसी कार्ड नहीं बना है. सरकार मॉनिटरिंग तक नहीं कर रहे हैं. बस्तर में भी किसान बेहद परेशान हैं.

विधायक अजय चंद्राकर ने कहा- प्रदेश में स्थिति बेहद गंभीर है. कई जिलों में खाद बीज की कमी है. जो बीज भेजे गए हैं उसमें जर्मिनेशन नहीं आया, उसकी गुणवत्ता बेहद खराब है. यह किसानों की सरकार है तो सारे काम रोक कर इन मुद्दों पर चर्चा करानी चाहिए. विपक्ष ने स्थगन पर चर्चा कराने की मांग की. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में पहली बार यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है. हमारे 15 साल की सरकार में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई. आज किसानों को यूरिया के लिए भटकना पड़ रहा है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने किसान सम्मान निधि योजना से छत्तीसगढ़ के किसानों के वंचित होने के मामले को सदन में उठाया. कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि योजना केंद्र सरकार की है और संबंधित पोर्टल एवं तमाम तकनीकी दिक्कतों की वजह से प्रदेश के 32 लाख किसान इस योजना से वंचित हैं. नेता प्रतिपक्ष ने किसानों की समस्या को दूर करने और उन्हें योजना का लाभ दिलाने की मांग की. मंत्री चौबे ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं और केंद्र सरकार के संपर्क में हैं. कौशिक में आरोप लगाया कि केंद्र की योजना का लाभ प्रदेश के किसानों को दिलाने में राज्य सरकार की रुचि नहीं.