रायपुर- कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए ली जाने वाली नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) और जेईई (जॉएंट एंट्रेंस एक्जाम) स्थगित करने की मांग को लेकर गैर बीजेपी शासित छह राज्यों के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. पिछले दिनों कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में परीक्षा लिए जाने के केंद्र के फैसले पर विरोध दर्ज किया गया था. बैठक में यह तय किया गया था कि इस पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख करना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने वाले छह राज्यों के मंत्रियों में छत्तीसगढ़ से अमरजीत भगत, बं.बंगाल से मोलाॅय घटक, झारखंड से रामेश्वर उरांव, पंजाब से बलबीर सिद्धू और महाराष्ट्र से उदय सामंत शामिल हैं. इस बीत केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरिलाय ने परीक्षा केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी की जानकारी देते हुए कहा है कि छात्रों के करियर का ध्यान रखते हुए ऐतिहासिक रूप से निर्णय लिए जा रहे हैं.हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण की दलीलों के बीच विभिन्न राज्यों के 11 छात्रों की ओर से पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया गया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ऐसा करने से छात्रों का करियर संकट में पड़ जाएगा.
छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री अमरजीत भगत ने लल्लूराम डाट काम से बातचीत में कहा कि-
इस वक्त कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है, ऐसे वक्त में परीक्षा लिया जाना खतरा मोल लेने जैसा है. हजारों-लाखों की संख्या में परीक्षार्थी सेंटरों में जाएंगे. बसों-ट्रेनों के जरिए ट्रैवल करेंगे. होटलों में ठहरेंगे. इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा. सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाते हुए हमने अपील की है कि या तो परीक्षा स्थगित कर दी जाए या फिर वर्चुअल ली जाए.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी परीक्षा कराने के फैसले को विरोध करते हुए कहा है कि पूरे देश के लिए यह कठिन समय है. देश कोरोना संकट से जूझ रहा है, लेकिन सरकार परीक्षा कराने पर अड़ी है. मई में होने वाली परीक्षा को टाला गया. अब जब कोरोना संकट पीक पर है, तो ऐसे समय में परीक्षा कराना उचित नहीं है. केंद्र सरकार अड़ी हुई है, हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं.