रायपुर। प्रदेश भर के गौठानों में लगातार हो रही मौतों को लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और सांसद सुनील सोनी ने सरकार को आड़े हाथ लिया है. बीजेपी के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल कहा कि लभरा खुर्द, जारा, बम्हनी सहित पूरे प्रदेश में रोका छेका के तहत रखे गए सैकड़ों गायों का दर्दनाक और विभत्स मौत के लिए सरकार पूरी तरह दोषी है. सरकार ने बिना तैयारी गौठान व रोका छेका योजना प्रारंभ किया है जिसका परिणाम आज निरीह मूक जानवरो के मौत के रूप में सामने आ रहा है. गौठान व रोका छेका अभियान में गायो की मौत के लिये सरकार दोषी है. सरकारी गौठानों में गायों की मौत को सरकार व सरकार से जुड़े लोग छुपाने में लगे हुए हैं. पूर्व में निजी व अनुदान प्राप्त गोशालाओ में गाय के मौत पर चिल्लाने वालो के मुह पर अब सरकारी संरक्षण में, शासकीय लोगो के निर्देश पर, शासकीय गोठान में, शासन के संरक्षण में हो रही मौतों पर इन सबके मुह में ताला लग गया है.

बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने गायों की मौत मामले में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि गौठान गायों के लिए श्मशान बन गए है. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में गायों की बढ़ती मौत के मामले ये बयां कर रहे हैं. सोनी ने कहा कि गौठानों में गायों के लिए उचित व्यवस्था तक नहीं है. न तो पीने के लिये पानी है और न ही चारा. 14 वें वित्त आयोग के पैसे से गौठानों को विकसित करने सरपंचों पर दबाव डाला जा रहा है.

बृहमोहन अग्रवाल ने कहा कि महासमुंद शहर सर्किट हाउस से लगे लभराखुर्द के गौठान में रोका छेका के तहत 10 एकड़ के मैदान जो सिर्फ तारो से घेरा गया है उसमें गायो को रोका छेका कर रखा गया था, वहां पर कोई सेड नहीं न ही चारा, पानी की व्यवस्था थी. भारी बारिश में कई दिन खुले मैदान में भूखे रहने के कारण गाये तड़पती रही, कुत्ते, गिद्ध, कौव्वे नोच-नोच कर उन्हें खाते रहे उन्हें देखने वाला कोई नहीं. 2 दिन तक तो किसी को पता ही नहीं था. सरकारी संरक्षण में, सरकारी गौठान में, सरकारी अधिकारी के आदेश पर रोके गए 15 से अधिक गायों का यह दर्दनाक व खौफनाक मौत सरकार व प्रशासन के संवेदना को जगाने कम पड़ गया है. महासमुंद से सटे गांव बम्हनी में भी गौठान में रोका-छेका कर बिना सुविधा व खाना-पानी 5 से अधिक गायों की दर्दनाक मौत हो गई है.

बलौदाबाजार जिले के पलारी के ग्राम जारा में सुविधा विहीन गौठान में सैकड़ों की संख्या में रोका-छेका कर गायों को रखा गया. भारी बारिश में न तो वहां पर कोई सेड था और न ही गायों के चारा व पानी की व्यवस्था की गई थी. बारिश व भूख से 30 से अधिक गायों की मौत तड़प तड़पकर हो गई. गायों के छत विछत लाशे वहां पड़ी हुई है वहीं अनेक गाय व उनके शव बाढ़ में बह गए. गायों के इस दर्दनाक मौत पर शासन व प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है. जांजगीर चांपा के जैजैपुर के ग्राम कैथा के गौठान में अव्यवस्था व भूख व बारिश के चलते 5 गायों की मौत हो गई.

अग्रवाल ने कहा कि ये तो कुछ उदाहरण है पिछले दिनों में रोका छेका व गौठानों की अव्यवस्था के कारण गायों के मौत का. पूरे प्रदेश में रोका छेका व गौठानों की यही स्थिति के चलते रोज सैकड़ों गायों की मौते हो रही है. यह अभियान गायो के मौत का अभियान बन गया है. यह सब गायों की असमय मौत नहीं, बिना व्यवस्था, बिना तैयारी, बिना प्लान प्रारंभ किए गए रोका छेका व गौठान योजना की परणिती है जो गौ-माता के हत्या के रूप में सामने आ रही है. रोका छेका व गौठान सरकार ने चालू करवाया, अधिकारी दबाव बनाकर गांव वालों को योजना लागू करने मजबूर कर रहे हैं और फिर अव्यवस्था पर गायों की मौत पर सारी जिम्मेदारी गांव वालों पर ड़ाल दी जा रही है या अज्ञात लोगों को आरोपी बनाकर एफआईआर करवा रहे हैं. एफआईआर तो आधे अधूरे इस योजना को चालू करवाने वालों पर होना चाहिए.

यह योजना पूरी तरह ‘‘चारागाह’’ में परिवर्तित हो गया है। सभी अधिकारी व सरकार से जुड़े लोग गौठान के नाम पर पैसो का बंदरबाट कर रहे हैं।जिस तादात में प्रदेश भर में अनेक योजनाओं का पैसा गोठान के लिए डायवर्ट किया जा रहा है और आप गौठान में चले जाओ तो गौठानों में न तो स्थायी सेड है, न चारा न पानी है न गौ-माता के लिए कोई सुविधा है. पूरी गौठान योजना उद्देश्य से भटककर लूटमार योजना बन गई है.