रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आज एक चिट्ठी लिखा हैं, जिसमें जीएसटी की क्षतिपूर्ति नहीं दिए जाने पर सवाल उठाया गया है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा है कि GST क्षतिपूर्ति प्रत्येक 2 माह में दिये जाने का प्रावधान है. वर्ष 2020-21 के 4 माह बीत जाने के बाद भी इस अवधि की क्षतिपूर्ति राशि रूपए 2828 करोड़ राज्य सरकार को भारत सरकार से प्राप्त नहीं हुई है.

भारत सरकार द्वारा इस विषय में वर्ष 2020-21 के लिए GST क्षतिपूर्ति में कमी के लिए राज्य शासन द्वारा ऋण लिये जाने के विकल्प भेजे गये हैं. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार GST क्षतिपूर्ति की राशि देना केन्द्र शासन का उत्तरदायित्व है. राज्यों द्वारा इसके लिए ऋण लेने से जहां ऋण भार राज्य शासन पर आ जायेगा, वहीं इसका भुगतान केन्द्र शासन द्वारा संभावित होने से राशि के भुगतान की अनिश्चितता बनी रहेगी. GST क्षतिपूर्ति के लिए सेस केन्द्र शासन द्वारा प्राप्त किये जाने और इससे राज्य शासन द्वारा लिये गये ऋण भुगतान करना एक जटिल और अनिश्चित प्रक्रिया रहेगी.

भूपेश बघेल ने कहा है कि मेरा अभिमत है कि GST क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों द्वारा ऋण नहीं लिया जाए और इसके लिए आवश्यक राशि की व्यवस्था केन्द्र शासन द्वारा अपने संसाधनों/ऋण के जरिये ही किया जाये. भूपेश बघेल की इस चिट्ठी के पहले पिछले दिनों हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान राज्य के मंत्री टी एस सिंहदेव ने भी जमकर खरी-खरी सुनाई थी. दरअसल कोरोना संकट के दौर में पहले से ही आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही सरकार को जीएसटी क्षतिपूर्ति का इंतजार है, जिससे राज्य की आर्थिक सेहत थोड़ी दुरूस्त की जा सके, लेकिन केंद्र जीएसटी का राज्यांश नहीं भेज रहा. यही विवाद की वजह बन रही है.