शिवम मिश्रा रायपुर। पॉकेट बुलेटिन में आज जनप्रतिनिधियों को पत्र, सुपोषण अभियान, सुप्रीम कोर्ट का आदेश, डॉ कफील खान की रिहाई, फिर से बस सेवा, संसद का मानसून सत्र से जुड़ी हुई ख़बरें शामिल हैं. पूरी ख़बर चंद मिनट में नीचे लिंक क्लिक कर देखिए…
सीएम ने जनप्रतिनिधियों को लिखा पत्र
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक सितम्बर से शुरू हो रहे राष्ट्रीय पोषण माह में सक्रिय सहयोग प्रदान करने के लिए जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की अवधारणा को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों, विधायकों, महापौर, नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों से अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान करने का आह्वान किया है. साथ ही राष्ट्रीय पोषण माह 2020 के आयोजन में सभी के सक्रिय सहयोग, समन्वय और पूर्ण भागदारी की अपेक्षा है.
14 सितंबर से मानसून सत्र
संसद में लोकसभा का मानसून सत्र कोरोना वायरस संकट के बीच 14 सितंबर से शुरू होगा. इस बारे में सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है. कोरोना संकट और सीमा विवाद के साथ अर्थव्यवस्था की बिगड़ी हालत के चलते माना जा रहा है कि विपक्ष सरकार को जमकर घेरेगा. विपक्ष ने संकेत दिए हैं कि वह चीन मुद्दे, महामारी और आर्थिक हालात को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा. वहीं सरकार की प्राथमिकता करीब एक दर्जन विधेयक और अध्यादेश के स्थान पर लाए जाने वाले प्रस्तावित कानूनों को मंजूरी दिलाने की होगी.
सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश में भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए उसे 5 अक्टूबर को कोर्टरूम में मौजूद होने को कहा है. सर्वोच्च अदालत ने गृह मंत्रालय से भी कहा है कि वह कोर्टरूम में विजय माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित कराए. गौरतलब है कि विजय माल्या ने साल 2017 के फैसले, जिसमें उन्हें कोर्ट की अवमानना के लिए दोषी ठहराया गया था, उसकी समीक्षा के लिए याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अवमानना का दोषी ठहराया था, क्योंकि माल्या ने अपनी संपत्ति का सटीक हिसाब नहीं दिया था और पैसे अपने बच्चों को ट्रांसफर कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को 5 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होना होगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को डॉक्टर कफील खान को तुरंत रिहा करने और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) हटाने के आदेश दिए हैं. उत्तर प्रदेश गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता और बालरोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान को सीएए, एनआरसी और एनपीए के विरोध के दौरान अलीगढ़ विश्वविद्यालय में 13 दिसंबर 2019 को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में उप्र पुलिस ने गिरफ्तार किया था. डॉ. कफील की मुंबई से गिरफ्तारी की गई थी. कोर्ट ने एनएसए के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेने और हिरासत की अवधि को बढ़ाए जाने को गैरकानूनी करार दिया. बता दें कि बीते दिनों डॉ. कफील के मामले में जल्दी फैसला देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था. फिलहाल वह फिलहाल मथुरा जेल में हैं.
बस सेवा की हो रही है शुरुआत
कोरोना संक्रमण के चलते ठप पड़ी बस सेवा फिर शुरू होने जा रही है. 3 सितंबर से अब बसें वापस सड़क पर दौड़ती नजर आएगी. परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के साथ बस ऑपरेटरों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक के बाद इस पर सहमति बनी. बताया जा रहा है कि बैठक में बस ऑपरेटरों की मांगों पर चर्चा हुई. जिसमें सरकार की तरफ से बस ऑपरेटरों को बड़ी राहत देते हुए 2 महीने की टैक्स छूट दी गई है. इसके साथ ही अन्य मांगों पर भी सहमति बनी है, जल्द ही अन्य मांगों को लेकर एक बार फिर बैठक होगी, जिसमें सभी मांगों पर विस्तार से चर्चा के बाद उस पर फैसला लिया जाएग.
देखिए पॉकेट बुलेटिन …