रायपुर- कोरोना काल में राज्य सरकार की योजनाओँ और स्वास्थ्य संबंर्धी क्रियाकलापों का प्रचार-प्रसार करने वाले विभाग जनसंपर्क विभाग में कोरोना ने अपना कहर बरपाया है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जनसंपर्क संचालनालय और संवाद बिल्डिंग में कार्यरत पचास फीसदी से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी कोरोना संक्रमण की जद में आ गये हैं.इतना ही नहीं ज्यादातर अधिकारी- कर्मचारियों के परिवार वाले भी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं, जिससे पूरे विभाग में हडकंप मच गया है.
जनसंपर्क विभाग के सूत्रों ने बताया कि विभाग में ड्राइवरों से लेकर चपरासी,क्लैरिकल स्टॉफ, दूसरे कर्मचारी और अधिकारियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.आपको बता दें कि जनसंपर्क आयुक्त तारन प्रकाश सिन्हा तीन दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव हुए हैं और होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करा रहें हैं.अपर संचालक,उप संचालक और सहायक संचालक स्तर के कुछ अधिकारी भी कोरोना पाजिटिव पाये गये हैं और माना जा रहा है कि विभाग में कल से कामकाज ठप्प हो सकता है.
बताया जा रहा है कि पॉजिटिव आये ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारियों में कोरोना के खास लक्षण नहीं है,इसलिये ऐसे लोगों को होम आईसोलेशन में रहकर इलाज कराने की छूट मिल सकती है. लेकिन कुछ अधिकारी-कर्मचारियों में कोरोना के लक्षण दिख रहें हैं, इसलिये ऐसे लोगों को अस्पताल में दाखिल कराने की प्रक्रिया भी चल रही है.वहीं कुछ अधिकारी- कर्मचारियों के परिजनों में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहें हैं,उन्हें भी अस्पताल में शिफ्ट करना होगा. विभाग में चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि इतनी ज्यादा संख्या में कोरोना पॉजिटिव आये अधिकारी-कर्मचारियों का इलाज किस तरह हो पायेगा.क्या सरकारी अस्पतालों में इनका सुविधाजनक तरीके से इलाज हो पायेगा या फिर इन्हें प्राइवेट अस्पतालों के महंगे इलाज के चक्कर में पड़ना होगा. ऐसे कर्मचारी जो निगेटिव आये हैं,वो भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि भविष्य में वो भी संक्रमित न हो जायें.