सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। कोरोेना के बढ़ते संक्रमण के बीच राज्य सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने प्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्रों को वापस खोलने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद 7 सितंबर से आंगनबाड़ियों को अब खोल दिया जाएगा जिसे लेकर सभी संभाग आयुक्तों और कलेक्टरों को महिला एवं बाल विकास विभाग के  सचिव प्रसन्ना आर ने पत्र लिखा है।

जारी आदेश में आंगनबाड़ी खोले जाने की वजह बताई जा रही है कि कोरोना की वजह से 14 मार्च से आंगनबाड़ियों का संचालन बंद रखा गया था और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा हितग्राहियों के घर पहुंचाकर सूखा राशन प्रदाय किया जा रहा है। बच्चों के पोषण स्तर को बनाये रखने एवं स्वास्थ्य सुविधा के लिए वर्तमान व्यवस्था प्रभावी नहीं है। इस वर्तमान व्यवस्था में कुपोषण के स्तर में कमी लाने में कठिनाई होगी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे चरण-4 में राज्य में कुपोषण की दर 37 प्रतिशत रही है। अन्तर्राष्ट्रीय एजेंसियां जैसे – WHO, UNICEF जैसी संस्थाओं को मानना है कि कोविड-19 के कारण कुपोषण में बढ़ोत्तरी हो सकती है। 

केन्द्रीय गृह मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए आदेश में आगे कहा गया है कि कोविड-19 के संबंध में गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 29.08.20 जारी निर्देशानसार स्कूल, कॉलेज एवं अन्य शैक्षणिक एवं कोचिंग संस्थान दिनांक 30 सितम्बर, 2020 तक बंद रहेंगे पर आंगनबाड़ी केन्द्रों के संबंध में यह बंदिश लागू करने का उल्लेख नहीं है। तथापि निर्देश की कंडिका-7 अनुसार 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिलायें तथा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर में ही रहने की सलाह दी गई है पर आवश्यक सेवाओं का प्रदाय सुनिश्चित किया जाना है। स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी सुविधा अतिआवश्यक सेवा है। अतः इस सेवा के प्रदाय करना आवश्यक होगा।

आदेश में यह भी कहा गया है कि जिस आंगनबाड़ी केंद्र का क्षेत्र कंटेंमेंट जोन में आता हो वहाँ आंगनबाड़ी संचालित नहीं किया जाएगा। वहीं 3 से 6 सितंबर तक केंद्रों को प्रारंभ करने के पूर्व सेनिटाइज भी किया जाएगा।

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