अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार। कोरोना के वैश्विक महामारी के दौर में निजी स्कूल संचालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके निराकरण व समाधान के लिए संचालकों ने आज जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) से मुलाकात की है. इस दौरान जिला अशासकीय विद्यालय कल्याण संघ ने बताया कि अभी तक 2018-19 आरटीई का बकाया भुगतान नहीं हुआ है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी पालक ट्यूशन फीस नहीं पटा रहे हैं. जिस वजह से स्कूल चलाने में दिक्कत हो रही है. संघ ने अपनी समस्याओं को लेकर पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है, जो इस प्रकार है-

1. शिक्षकीय वर्ष 2018-19 की आर.टी.ई. की प्रतिपूर्ति राशि को पूर्ण प्रदान नहीं किया गया है. जिसमें विभिन्न मदों की राशि काटकर भुगतान किया गया था, अतः शेष राशि का भुगतान तत्काल किया जाएं.

2. वर्ष 2019-20 की आर.टी.ई. की प्रतिपूर्ति की राशि आज तक भुगतान नहीं किया गया है. जिसका भुगतान संचालकों को अपने शिक्षकों के भुगतान के लिए अति आवश्यक है. अतः उपरोक्त राशि का भुगतान भी तत्काल किया जाएं.

3. सत्र 2020-21 की मान्यता जिले के सभी स्कूलों को प्रदान की जाए, जिससे यह प्रमाणित हो सकें कि समस्त अशासकीय विद्यालय इस वर्ष की मान्यता मिलने के बाद ही संचालित की जा रही हैं.

4. शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत राज्य शासन से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को छ.ग. पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का वितरण निःशुल्क किया जाता था. लेकिन आज तक अशासकीय स्कूलों को पुस्तकों का वितरण नहीं किया गया है. क्या यह निजी स्कलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के भविष्य के साथ भेदभाव नहीं हैं. जबकि शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं को पुस्तकों का वितरण कर दिया गया है. और शासन के निर्देशानुसार ऑनलाईन कक्षायें ली जानी हैं, बगैर पुस्तकों के छात्र किस तरह अध्ययन करेंगे?

5.आपके व शासन द्वारा स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को उनका मासिक भुगतान अनिवार्य रूप से किया जाए, यह निर्देश दिया गया है. पालकों के द्वारा वर्ष 2019-20 का बकाया ट्यूशन फीस का भुगतान नहीं किया जा रहा है. इस विषय पर हाईकोर्ट के द्वारा यह निर्देशित किया गया है कि पालकों को स्कूल की फीस का भुगतान करना होगा. लेकिन पालक भुगतान नहीं कर रहे हैं. जिससे शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के मासिक भुगतान करने में संचालकों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला अशासकीय विद्यालय कल्याण संघ ने डीईओ से निवेदन किया है कि पालकों के नाम से भी एक पत्र जारी कर ट्यूशन फीस भुगतान किए जाने का दायित्व पूरा करने पत्र जारी किया जाए.